इन सबसे बेखबर नेता और विधायक वोट मांगने में जुटे
एप्पल न्यूज़, सीआर शर्मा, आनी
शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के आनी शिक्षा खण्ड में हालात बिल्कुल उलट हैं।
आनी शिक्षा खण्ड के 108 प्राइमरी स्कूलों में से 20 प्राइमरी स्कूल केवल एक जेबीटी अध्यापक के सहारे हैं।
जिनमें से केवल जाओं आरन,परकोट, शुश, बठलोंण,शाणी और भुट्टी बाहन आदि 6 स्कूलों में ही 10 से कम विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जबकि डोहवी, डीम, तराला, टिकरीदढ़, सारली, लोहाल, दोगरी, पोखरी, बशावल, टिप्पर, पटारना, सोइधार, जुहड़, खडोरण आदि बाकी के 14 स्कूलों में बच्चों की संख्या 15 से 35 के बीच मे हैं।
जबकि उपमंडल मुख्यालय आनी और लगौटी केन्द्र विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने के बावजूद भी अध्यापक पूरे नहीं हैं।
इतना ही नहीं हाल ही में कुल्लू जिला में 28 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्तियां बैच वाइज हुई हैं, जिनमें आनी को केवल एक जबकि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर और बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी के विधानसभा क्षेत्र में ही सारी भर्तियां कर दी गयी। हालांकि इन 28 नियुक्तियों में से 19 प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार उन जगहों पर हुई हैं जहां अध्यापकों का टोटा है।
इतना ही नहीं आनी विधानसभा क्षेत्र के नियुक्त जेबीटी अध्यापक आनी शिक्षा खण्ड के इन एक
अध्यापकों वाले स्कूलों में से ही कहीं नियुक्त न कर बंजार विधानसभा क्षेत्र भेज दिए गए हैं।
ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के भविष्य की नींव मजबूत करने वाली शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधा और अधिकार को लेकर आनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक या सता पक्ष के नेता और विपक्ष के नेता कितने चिंतित हैं।
जबकि चुनावी बेला में इन सबसे बेखबर नेता और विधायक गांव गांव जाकर वोट मांगने में जुटे हैं और अध्यापकों के तबादलों में व्यस्त हैं।
आपको बता दें कि सरकार और शिक्षा विभाग की नीति के अनुसार हर प्राइमरी स्कूल में कम से कम दो अध्यापकों की नियुक्ति होती है, जबकि जिन स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक 60 से अधिक छात्र पढ़ते हैं वहां 3 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति होना अनिवार्य है।
इतना ही नहीं केंद्र पाठशालाओं में एक केंद्र मुख्याध्यापक के अलावा 3 जेबीटी अध्यापकों की तैनाती होती है।
जबकि केंद्र पाठशाला आनी में 95 बच्चे होने के बावजूद जेबीटी के दो ही पद सृजित और स्वीकृत हैं, जबकि तीसरा पद ही स्वीकृत नहीं है, जबकि केंद्र पाठशाला लगौटि में एक पद खाली पड़ा है।
वहीं अविभावकों ने सरकार से रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की गुहार लगाई है।
वहीं इस बारे में खण्ड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी आनी शांति देवी का कहना है कि आनी खण्ड के रिक्त पदों की सूची उच्चाधिकारियों को समय समय पर भेजी जाती है।