एप्पल न्यूज़, शिमला
कोरोना काल के दौरान आवश्यक उपकरणों की खरीद-फरोख्त में हेराफेरी मामले फंसे स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. अजय कुमार गुप्ता को स्टेट विजिलेंस की टीम ने गिरफ़्तार कर लिया।
उसके बाद जांच एजेंसी ने उसे में अदालत में पेश किया। अदालत ने गुप्ता को 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
गौरतलब है कि कोरोनाकाल के दौरान गुप्ता पर स्वास्थ्य निदेशक रहते एबीजी मशीनों की खरीद के लिए 4.25 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।
इस संबंध में दर्ज एफआईआर संख्या 4/22 दर्ज की गई थी। मामले की जांच विशेष जांच इकाई की ओर से की जा रही है। गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय की ओर से जमानत खारिज किए जाने के बाद गुप्ता ने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस ने गुप्ता को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड मिला है।
तत्कालीन CM ने दिए थे जांच के आदेश
तत्कालीन CM जयराम ठाकुर ने भी मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस मामले की जांच विजिलेंसे की SIU को सौंपी गई।
ये सेनेटाइजर खरीद से जुड़ा है मामला
वर्ष 2020 में सेनेटाइजर खरीद के मामले में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी। रोप है कि सस्ते सेनेटाइजर महंगे दामों पर खरीद गए। सबसे अहम बात है कि स्वास्थ्य विभाग का तत्कालीन निदेशक ही इसमें संलिप्त था।