एप्पल न्यूज़, सीआर शर्मा आनी
स्कूलों में बिन शिक्षक बच्चों के बेहतर भविष्य की कल्पना नामुमकिन है ।
ऐसा ही हाल जिला कुल्लू में आनी शिक्षा खण्ड की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला “कुटवा” का है। जहां एक भी प्रवक्ता नहीं है। यहां अध्ययनरत 112 विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है।
बता दें,कुटवा जो पहले उच्च पाठशाला थी, जिसका दर्जा 2017 में बढ़ाया गया था। स्कूल में शुरू से ही शिक्षकों की कमी रही है। इस स्कूल में कभी एक तो कभी दो शिक्षकों से अधिक की तैनाती नहीं हो पाई है।

पिछले साल यहां एक प्रवक्ता की तैनाती तो हुई लेकिन कुछ महीनों बाद ही उनका भी तबादला हो गया। जिसके चलते अब तो यहां जमा एक और जमा दो कक्षाओं के लिए एक भी प्रवक्ता नहीं है।
ऐसे में यहां पढ़ने वाले जमा एक और दो के विद्यार्थियों के अभिभावकों को चिंता सताने लगी है।
हाल यह है कि यहां प्रवक्ता अंग्रेज़ी, राजनीति शास्त्र, इतिहास, हिंदी, कंप्यूटर के अलावा प्रधानाचार्य जैसा अहम पद भी खाली है।
इसके चलते सभी काजों को निपटाने के लिए विद्यालय के शिक्षकों को या तो GSSS चवाई या फिर GSSS आनी के चक्कर काटने पड़ते हैं ।
वहीं, विद्यालय में न तो टीजीटी मेडिकल न ही नॉन मेडिकल का स्टाफ़ है। भाषा अध्यापक समेत टीजीटी आर्ट्स जैसे दस से ज़्यादा पद खाली हैं ।
एसएमसी अध्यक्षा सीमा रानी का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों के बिना बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा । सरकार ने स्कूल अपग्रेड तो कर दिया है। लेकिन स्कूल के लिए शिक्षकों को भेजना भूल गई है। ऐसे में अब बच्चें पलायन को मजबूर हो रहे हैं ।
वहीं,विद्यालय के शिक्षक शांता कुमार ठाकुर का कहना है कि स्टाफ़ की कमी के चलते संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है।
ऐसे में साधन संपन्न परिवार अपने बच्चों को दूसरे विद्यालयों में भेज रहे हैं लेकिन बेचारे गरीब तबके के अभिभावक सालों से अपने बच्चों को यहीँ पढ़ाने के लिए मजबूर है।
एसएमसी अध्यक्षा सीमा रानी समेत अभिभावक सुरेश, सतापाल, देवेंद्र, गीता देवी ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग से स्कूल में शिक्षकों की तैनाती की मांग की है।
अगर सरकार शिक्षकों की तैनाती नहीं करती है तो उन्हें मजबूरन धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।