नरेश के मिनचा द्वारा अनुकूलित और निर्देशित टेनेसी विलियम्स द्वारा प्ले
एप्पल न्यूज़, शिमला
शिमला के ऐतिहासिक गेवटी थिएटर में हिमाचल प्रदेश की अग्रणी नाट्य संस्था संकल्प रंगमंडल शिमला द्वारा विश्वविख्यात अमेरिकन स्मृति नाटक “दि ग्लास मैनेजरी” का भावपूर्ण मंचन किया। यह आयोजन भाषा संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से किया जा रहा है।
संकल्प रंगमंडल शिम शिमला के रंग गुरु तथा प्रख्यात अभिनेता व निर्देशक स्व देवेन जोशी जी को समर्पित किया गया है जिन्होंने शि रंगमंच को बहुत सार्थक सेवाएँ प्रदान की है और रंगमंच को एक समृद्ध विरासत प्रदान की।
यह नाटक टेनेसी विलि द्वारा लिखित है जबकि इसका अनुवाद नाटक की ही अभिनेत्रीयों अदिति काल्टा एवं शाना चौहान ने किया है। नाटक का हिंदुस्तानी नाट्य रूपांतरण एवं निर्देशन युवा रंगकर्मी नरेश कुमार मिनचा ने किया है जो बतौर निर्देशक चौथी प्रस्तुति है।
यह नाटक एक स्मृति नाटक (memory play ) | हिंदुस्तानी रूपांतरण के बाद, यहाँ की हिसाब से कुछ परिवर्तन गए हैं लेकिन मूल कहानी के साथ कोई छेड़खानी नहीं की है।नाटक का पात्र उत्तम, जोकि इसमें एक कथाकार है। इस नाटक का किरदार भी है।
यह पूरा नाटक उसी की मेमोरी से चलता है। मानो हम कोई टाइम ट्रैवल कर रहे हो। एक महत्वाकांक्षी कवि है, जो अपनी मां, राधिका देवी और कीर्ति के साथ एक पहाड़ी हिल स्टेशन में रहता है।
वह के एक दुकान में पिछले चार सालों से सेल्समेन की नौकरी कर रहा। जोकी उसे कभी ही नहीं थी। वह बस अपनी मन के कारण यह नौकरी कर रहा है। उनके बाबा नरेंद्र सालों पहले भाग गए थे, बस एक पोस्टकार्ड छोड़कर, उसके उनकी कोई खबर नहीं मिली।
ये नाटक एक स्मरण नाटक है। कुछ हद तक काल्पनिक और कुछ वास्तविक भी। इसमें हर किरदार संगीत के प एक लम्बी उड़ान लेना चाहता है। यहां सभी की अपनी एक अलग दुनिया है. सपनो का बुना हुया एक छोटा सा स जिसके मालिक ने खुद है।
वर्तमान समय में ये कहानी हर एक पर सटीक छाप छोड़ती है और हर एक से जुड़ती भी है। कामयाब न होने पा
जदोजेहद में लोगों की जिंदगीय बसर हो जाती है। वो अपनी एक काल्पनिक दुनिया बना लेते है और उस दुनिया में तरीके से रहना चाहते है। कभी उनके सपने टूट जाये तो वो पीड़ा से भर जाते है।
इस नाटक में स्मरण के साथ बहुत सारे सिम्बोलिकल मेटाफर भी है जो हमे भ्रम की दुनिया से वास्तविकता की त जाते है नाटक में वर्तमान समय की वास्तविकता को उजागर किया है, जहां सब बस एक आधी दौड़ में भाग रहे है। किसी हमदर्दी और अपनेपन के। यहाँ इंसान चाहता कुछ और है और उसे मिलता कुछ और ही है।
नाटक के अंत में कीर्ति के लिए सचिन एक उम्मीद बनकर आता है और जब वह उम्मीद भी मोड़ देती है तभी नहीं मानों में कीर्ति के मारे अपने टूट जाते है। वह अपनी अपनों की दुनिया से कुछ पल के लिये बाहर आती है और उसके बाद उसी दुनिया में खो जाती है।
संकल्प रंगमंडल शिमला का प्रयास है कि हिमाचल प्रदेश में संपूर्ण रंगमंच हो जो दर्शकों को तक प्रभावित करें और अपना विशेष स्थान बनाए साथ ही साथ युवा रंगकर्मियों को को तराशने के लिए अधिकतम अवसर मिले। राज्य के रंगमंच को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करवाने के लिए संकल्प रंगमंडलमा संक है।