एप्पल न्यूज़, शिमला
जिला कांग्रेस कमेटी, जिला कांगड़ा के उपाध्यक्ष एवं हिमाचल गद्दी सामुदाय विकास समिति शिमला के पूर्व महासचिव त्रिलोक सूर्यवंशी ने कुगति (भरमौर) जोत में हिमस्खलन के कारण 400 भेड़ बकरियों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भेड़ बकरियां भेड़ पालक की आजीविका का एकमात्र साधन हैं।
त्रिलोक सूर्यवंशी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू जी से उपरोक्त नुकसान की भरपाई के लिए सम्बंधित भेड़पालकों को उचित मुआवजा दिये जाने का विनम्र आग्रह किया है ।
त्रिलोक सूर्यवंशी ने कहा कि भेड़ बकरी पालन में भेड़पालकों को इस व्यवसाय में कई विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है । भेड़ पालकों के हितों की रक्षा के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी से उचित पाॅलिसी बनाने की मांग की है।
त्रिलोक सूर्यवंशी ने कहा कि इस पाॅलिसी के अन्तर्गत चारागाहों के परमिट प्राप्त करने की आसान प्रक्रिया, भेड़ बकरियों की ग्रुप इंश्योरेंस, आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण, आपदा से निपटने के लिए यन्त्र जैसे फ्लैश लाईट, वैदर रेडियो, वायरलैस सैट, प्राथमिक चिकित्सा किट दवाईयां इत्यादि, आपदा के समय त्वरित राहत, स्वयं और भेड़ बकरियों की रक्षा के लिए बन्दूकों का लाईसेंस तथा माल (भेड़ बकरियों )के आवागमन के समय पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाने का प्रावधान किया जाए ।
त्रिलोक सूर्यवंशी ने कहा कि भेड़ बकरियाँ गद्दी सामुदाय के जीवन का अभिन्न अंग हैं । कठिन परिस्थितियों के कारण आगामी पीढ़ी इस व्यवसाय से विमुख होती जा रही है। अतः इस विरासत के संरक्षण सम्वर्धन के लिए नीति निर्धारित की जाना अति आवश्यक है।