एप्पल न्यूज़, शिमला
भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हिमाचल से उनका पहला लगाव रहा है और यहां की सरलता और संस्कृति से वह काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि यहां वह बार-बार आते रहेंगे यह उनका वायदा नहीं बल्कि संकल्प है।
उप राष्ट्रपति हमीरपुर स्थित पुलिस लाईन ग्राउंड में ‘एक से श्रेष्ठ’ संस्था के 500वें सेंटर के शुभारम्भ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उप राष्ट्रपति की धर्मपत्नी डॉ सुदेश धनखड़ भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा तेजी से आगे बढ़ रही है। आज हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और जल्द ही हम तीसरी पायदान पर होंगे।
उन्होंने कहा कि देश में विकास की ठोस नींव पड़ चुकी है और वर्ष 2047 तक भारत दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र होगा, जिसके लिए हर नागरिक को अपना योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के देश भारत की ओर देखते हैं।
उन्होंने कहा कि देश युवाओं से बनता है और युवाओं को अपने संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए। उन्हें अपने माता-पिता और गुरूजनों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून के आगे सभी को झूकना पड़ेगा यही प्रजातांत्रितक व्यवस्था है।
उप राष्ट्रपति ने कंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा विभिन्न सामाजिक प्रकल्पों को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होेंने कहा कि ‘एक से श्रेष्ठ’ कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर यहां के बच्चों के स्वागत का सौभाग्य मिला। अनुराग ठाकुर से प्रभावित होकर वे भी विद्यार्थियों को अपनाने और शैक्षणिक संस्थाओं में जाने का कार्यक्रम बनाएंगे।
धनखड़ ने कहा कि एक दशक मेें देश में जो कार्य हुए उनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। नारी सशक्तिकरण की दिशा में अनेक पहल हुई है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम इस दिशा में कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि जब हम एक महिला को मजबूत करते हो तो समाज को मजबूत करते हैं।
इस अवसर पर, उन्होंने एक से श्रेष्ठ के तहत पांच शिक्षकों को टैबलेट भेंट किए और विद्यार्थियों को स्कूल बैग भेंट किए।
इससे पूर्व, स्कूली बच्चों ने उप राष्ट्रपति तथा उप राष्ट्रपति की धर्मपत्नी डॉ सुदेश धनखड़ को हिमाचली टोपी, शॉल व चम्बा थाल भेंटकर हिमाचली परम्परा के अनुसार सम्मानित किया।
इस अवसर पर, राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने उपराष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सामाजिक सरोकार और मानवीय मूल्यों की उत्कृष्ट पहल का एक उत्कृष्ट उदहारण है।
उन्होंने कहा कि एक सांसद को कोई न कोई कार्य सेवा के रूप में लेना चाहिए। उसी तरह अनुराग ठाकुर ने अपने संसदीय क्षेत्र में अनेक सेवा के कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक प्रकल्प सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि एक से श्रेष्ठ के पांच केंद्रों को सहयोगी बनकर अपनाउंगा।
अनुराग ठाकुर की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनके प्रयासों से ‘‘एक से श्रेष्ठ’’ का लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है और वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘शिक्षित भारत’’ के सपने को साकार करने का एक सार्थक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक से श्रेष्ठ, जिसका अर्थ है ‘‘सर्वश्रेष्ठ से भी बेहतर’’।
उन्होंने कहा, ‘‘इस 500वें केंद्र की यात्रा इसके मिशन-उत्थान, सशक्तीकरण और जीवन में बदलाव के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एक से श्रेष्ठ का प्रभाव सिर्फ संख्याओं में नहीं मापा जाता है। यह उन व्यक्तियों की कहानियों में महसूस किया जाता है जिनके जीवन को छुआ गया है और बदल दिया गया है।’’
राज्यपाल ने कहा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने और समग्र विकास प्रदान करने की यह एक सार्थक पहल है, जो यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए शिक्षा की गुणवत्ता जन्मसिद्ध अधिकार बनी रहे।
उन्होंने एक से श्रेष्ठ के पीछे समर्पित टीम-दूरदर्शी नेतृत्व, उत्साही स्वयंसेवकों और मेहनती कर्मचारियों को भी बधाई दी तथा कहा कि एक से श्रेष्ठ की सफलता के पीछे उनका निस्वार्थ समर्पण प्रेरक शक्ति है।
इससे पूर्व, एक से श्रेष्ठ शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने राज्यपाल को चम्बा थाल भेंट कर स्वागत किया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर उप राष्ट्रपति उनकी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ तथा राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम एक ऐसा माध्यम है जो अपने केंद्रों से प्रेरणा देने का कार्य करता है।
विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में यह एक अनुठी पहल है, जिसके तहत गांव और पंचायत स्तर तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियांें को सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 9000 से अधिक बच्चे इन केंद्र में पढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को शुरू करने के पीछे उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमारधूमल की प्रेरणा 500 केंद्र आरम्भ किए जा चुके हैं। इन केंद्रों में कार्यरत शिक्षकों में 95 प्रतिशत से अधिक शिक्षक महिलाएं
मंत्रीमण्डल के सदस्य राजेश धर्माणी, विधायक तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
बाद में, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर में आयोजित ‘विकसित भारत/2047 में युवाओं की भूमिका’ संवादात्मक सत्र की अध्यक्षता करते हुए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि युवाओं को चुनौतियों से आगे देखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसा माध्यम से जो युवाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा कि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौति आर्टिफिशियल इंटेलीजैंस की है। इस अवसर पर उन्होंने महिला सशक्तिकरण, विकास की दृष्टि से तेजी से बढ़ता भारत विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों से संसद भवन का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है। इस जनसांख्यिकीय लाभांश का अच्छी तरह से उपयोग करके, हम भारत को एक विकसित भारत के रूप में आगे बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि अगले 25 वर्षों का अमृत काल ही भारत को नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा। इस राष्ट्र को विकासशील से विकसित राष्ट्र बनाने में हर व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की होगी, क्योंकि देश अपनी क्षमताओं के प्रति आश्वस्त होकर भविष्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य अब ऐसा बन चुका है कि सभी की निगाहें अब उम्मीद से भारत पर ही टिकी हैं।
केंद्रीय माननीय केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चरितार्थ किया है और संसद भारत दर्शन योजना के तहत देश के असंख्या बच्चों को प्रमुख केंद्रों को देखने का अवसर मिला है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के कारण आज देश आगे बढ़ रहा है।
प्रदेश मंत्रीमंडल के सदस्य राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि अभी भी आपदा राहत के लिए कार्य किया जाना है जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य को उदार वितीय सहायता उपलब्ध करवाने में उप-राष्ट्रपति से सहयोग का आग्रह किया।
इससे पूर्व, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक एवं अध्यक्ष, अभिशासक परिषद प्रो. हीरालाल मुरलीधर सूर्यवंशी ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।