एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा का पांचवां तथा वर्तमान सरकार का दूसरा बजट सत्र बुधवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। राज्यपाल के विधानसभा परिसर पहुंचने पर उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया तथा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। राज्यपाल का अभिभाषण करीब 1 घंटा 7 मिनट तक चला, जिसमें उन्होंने सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के वर्ष की उपलब्धियों को गिनवाया।
उनके अभिभाषण की शुरुआत व अंत राष्ट्रगान के साथ हुआ तथा उन्होंने प्रदेश के लोगों को बसंत पंचमी तथा यू.ए.ई. में भव्य मंदिर के उद्घाटन की शुभकामनाएं दी। 29 फरवरी तक चलने वाले बजट सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी, जिसमें 17 फरवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वित्तीय वर्ष, 2024-25 का बजट प्रस्तुत करेंगे।
राज्यपाल ने विधानसभा में अपना अभिभाषण पढ़ते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को नीति दस्तावेज बनाया है, जिसमें जनता से किए गए सभी वायदों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। उनके अभिभाषण की खास बात यह रही कि उन्होंने इस बार करीब 54 बार मेरी सरकार शब्द का प्रयोग किया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रेलवे नेटवर्क को विकसित करने के प्रयास जारी है, जिसमें भानुपल्ली को बिलासपुर से जोडऩे के लिए 6,753.42 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इस तरह मार्च, 2027 तक बिलासपुर को रेललाइन से जोड़ दिया जाएगा।
चंडीगढ़ और बद्दी को जोडऩे वाली 31 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पर भी 1,540.13 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं तथा दिसम्बर, 2025 तक यह कार्य पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
कांगड़ा जिला को टूरिज्म कैप्टिल के रुप में विकसित करने के लिए 3 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त नई पर्यटन गतिविधियों जैसे कि आधुनिक गोल्फ कोर्स, चिडिय़ाघर, पर्यटन क्षेत्र, वेलनेस पर्यटन और ईको टूरिज्म का विकास किया जाएगा।
प्रदेश में 5 नए हैलीपोर्ट कांगनीधार, सासे, मनाली, बद्दी, संजौली और रामपुर में बनकर तैयार है, जिनके संचालन लाइसैंस के लिए डी.जी.सी.ए. का अंतिम निरीक्षण किया जा रहा है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि सरकार की महत्वपूर्ण गारंटियों में से एक गांरटी को क्रियान्वित करने के लिए एक नई योजना इंदिरा गांधी महिला सम्मान निधि योजना लागू की गई है।
इसके तहत पहले चरण में जिला लाहौल-स्पीति की पात्र महिलाओं के साथ पूरे प्रदेश की पात्र पैंशनभोगी वृद्ध महिलाओं, विधवाओं, परित्यकताओं, एकल नारियों व दिव्यांग महिलाओं सहित 2.43 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,500 रुपए की राशि दी जाएगी।
सामाजिक सुरक्षा पैंशन के अंतर्गत 7,83, 719 लाभार्थियों को पैंशन दी जा रही है, जिसके लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1,256.43 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना को लागू किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 4,121 पात्र निराश्रित बच्चों के ऊपर 7.65 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं। इसके अलावा वर्तमान सरकार 19 गांवों को मॉडल ईको विलेज योजना के दायरे में ला रही है।
साथ ही कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अब तक 197 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को विशेष राहत पैकेज जारी किया है।
इसमें पूर्ण रुप से मकान नष्ट होने पर 7 लाख रुपए उपलब्ध करवाए गए हैं। सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पैंशन बहाल की है, जिसमें 1.15 लाख अधिकारी व कर्मचारियों ने पुरानी पैंशन का विकल्प दिया है। इसके बाद उनको जी.पी.एफ. नंबर जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से शुरू की गई ई-टैक्सी योजना में 1,222 बेरोजगार युवाओं के आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसी तरह इलैक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को भी बनाया जा रहा है।
सरकार 6 ग्रीन कोरिडोर विकसित कर रही है तथा वर्ष, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश 3 विशिष्ट औषधीय कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं।
प्रदेश के धार्मिक स्थलों विशेषकर बिजली महादेव को रोपवे से जोडऩे के लिए एम.ओ.यू. किया गया है तथा चिंतपूर्णी मंदिर तक रोपवे को पी.पी.पी. मोड पर बनाया जाएगा। प्रदेश में एच.आर.टी.सी. की तरफ से 210 नई बसें खरीदने के अलावा प्रथम दर्शन सेवा का शुभारंभ किया गया है।
उन्होंने मनरेगा का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके माध्यम से 65 फीसदी महिलाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि स्कूल कलस्टर प्रणाली की शुरुआत करने के साथ विद्या समीक्षा केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के लिए 13 खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिसमें खिलाडिय़ों को कोचिंग दी जा रही है। प्रदेश में राजस्व लोक अदालतों का लाभ जनता को मिला है, जिसमें 95,120 मामलों का निपटारा किया गया है।
उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में होने वाली धांधलियों के कारण 21 फरवरी, 2023 को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर दिया गया था। इसके पश्चात भर्ती प्रणाली में जनता का विश्वास जगाने व एक नई निष्पक्ष और स्वतंत्र भर्ती एजैंसी के गठन की संभावनाओं पर विचार करने के बाद 30 सितम्बर, 2023 को हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को स्थापित किया गया।
सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए भी सार्थक कदम उठाए हैं। सरकारी कार्यक्रमों में शीघ्रता लाने के लिए हिमाचल प्रदेश सचिवालय, निदेशालयों तथा उपायुक्त कार्यालयों में ई-ऑफिस का कार्यान्वयन किया गया है।
हिमाचल ऑनलाइन सेवा पोर्टल के माध्यम से भी 217 सेवाओं को जोड़ा गया है। दिसम्बर तक इस पोर्टल के माध्यम से 12 लाख 50 हजार आवेदन अनुमोदित कए गए हैं। राज्य के स्टेट डेटा सैंटर की क्षमता को 90 करोड़ रुपए की लागत से दोगुना किया जा रहा है।
सरकार की विकासात्मक नीतियों, कार्यक्रमों तथा विकासात्मक पहलों को समाचार वैब चैनल्स, समाचार वैबसाइट तथा सोशल मीडिया इन्फ्यूयैंसर्ज के माध्यम से प्रभावी तथा किफायती प्रचार-प्रसार करने के लिए डिजिटल मीडिया नीति-2024 को अधिसूचित किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1 वर्ष की अवधि में ईमानदार प्रयासों के साथ नई योजनाएं आरंभ की है तथा प्रदेश के विकास को गति प्रदान की है। सभी क्षेत्रों का समान विकास एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कारगर पग उठाए जाएंगे।
सरकार ने समाज के उस अंतिम व्यक्ति तक जिसकी आवाज आसानी से ऊपर तक नहीं पहुंच पाती, कल्याणकारी एवं विकासात्मक योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाना सुनिश्चित कर रही है।
समाज के इन्हीं वर्गों का सशिक्तकरण उनकी सरकार का प्रमुख ध्येय है, जिसमें सबका सहयोग अपेक्षित है। राज्यपाल ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश को अगले 4 वर्ष में हिमाचल प्रदेश को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने तथा 10 वर्ष में आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश की युवा शक्ति, मजबूत इरादों, ईमानदार व मेहनतककश प्रदेशवासियों के सामूहिक प्रयासों से इस लक्ष्य को जरुर हासिल किया जा सकेगा। उन्होंने प्रदेशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दी तथा आशा व्यक्त की कि सदन में सार्थक चर्चा एवं विचार-विमर्श में सदस्य बढ़-चढक़र हिस्सा लेंगे।