IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

कोरोना काल में होमियोपैथी, संयुक्त प्रहार कर ही होगी विजय प्राप्त- डॉ सिंह

एप्पल न्यूज़, ब्यूरो
सारा विश्व कोरोना वायरस कोविद-19 से युद्ध रत है। यह निश्चित है कि जीतेगा आदमी ही, किंतु अभी तो करोना ही बढ़त बनाए हुए हैं। ऐसा तब तक रहेगा जब तक हम इससे लड़ने के लिए कोई अमोघ न प्राप्त कर लें । हमें पाता है कि यह अपने से चल नहीं सकता फिर भी वोहान चीन से निकल कर सारी दुनिया घूम चुका है। देश की सीमाओं को लांघता हुआ शहरों की सीमाओं से आगे बढ़कर अब गांवों तक भी पांव पसारने लगा है।
राष्ट्रों ने अपनी सीमाएं बंद कर लीं, लोगों ने घर। काम बंद हो गए ,व्यवसाय सिमट गए ,व्यापार ठप हुए । इसे नाम दिया गया लाक डाउन। जिस देश ने जितना जल्दी जितना प्रभावी ढंग से इसे संपादित किया और उसके नागरिकों ने जितने बढ़िया ढंग से इसका अनुपालन किया कोरोना की गति उतनी ही कम हुई। हमारा देश और देशवासी इस मामले में अग्रणी रहे और अभी तक जनसंख्या और विशाल क्षेत्रफल को देखते हुए न्यूनतम प्रभावित भी हुए हैं। व्यवसाय किस तरह से प्रभावित हुआ है इसका प्रमाण हमारे देश में सड़कों पर दौड़ रहे ,अपने अपने घरों की ओर पलाइत हो रहे लाखों मजदूरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है।

इनके साथ कोरोना भी गांवों तक पहुंचने लगा है। हमारे सामने चुनौती और परीक्षा की असली घड़ी अब आई है। यह मान लेना घातक होगा कि हमने जंग जीत लिया है। मुंह बांध कर रखना ,बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाना और साफ सफाई एवं हैंड सैनिटाइजिंग अभी भी समय की मांग है।

\"\"


भय मुक्त होकर ,व्यायाम-प्राणायाम करके ,हाथ-पैर ,घर- द्वार ,आसपास, सड़क- सामान को सैनिटाइज कर , आपस में भरसक दूरी बनाकर रहते हुए हम कोरोना कोविद -19 को हराने का अभूतपूर्व प्रयास कर रहे हैं। वैज्ञानिकों, चिकित्सकों ,डब्ल्यू एच ओ और व्यवस्था में लगी हुई सरकारों सबका एक स्वर में कहना है कि जब तक सर्वमान्य औषधि का निर्माण नहीं हो जाता हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात इम्यून सिस्टम को मजबूत कर के इससे लड़ें। अनेत प्रारंभिक असुविधाओं का सामना करते हुए भी कोरोना वारियर मुस्तैदी से जन सेवा में लगे हुए हैं।इस बीच मास्क से लेकर कोरोना किट तक, हैंड सैनिटाइजर से लेकर इंडस्ट्रियल सैनिटाइजर तक, थर्मल थर्मामीटर से लेकर वेंटिलेटर तक आत्मनिर्भर हो चले अपने देश ने इस महामारी के विरुद्ध मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया है ।यही कारण है कि हमारा देश इससे लड़ने में दुनिया में अग्रणी दिखाई पड़ रहा है।
इस संदर्भ में अपने देश की विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का योगदान भी महत्वपूर्ण है ।दुनिया में सबसे ज्यादा चिकित्सा पद्धतियों का अपने देश में होना भी काफी सहायक सिद्ध हुआ है। जहां एलोपैथी ने प्रतिरोधक टीका ढूंढने में अपनी पूरी शक्ति लगा रखी है वहीं आयुर्वेद और होम्योपैथी मनुष्य के इम्यून सिस्टम को ताकत देने में समर्थ अपनी अनेक औषधियों को लेकर उपस्थित हो गई हैं और निश्चित रूप से सफलता भी पा रही हैं। जब अब यह कहा जाने लगा है कोरोना के साथ रहकर लड़ना ,करना और जीना सीखना होगा तो आयुष मंत्रालय की भूमिका काफी बढ़ जाएगी। उसे आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी ,सिद्धा और योग सबके द्वारा प्रदत्त संपूर्ण औषधियों एवं शक्तियों का निश्चित प्रयोग और सहयोग लेना होगा ।
सच पूछा जाए तो जब किसी रोग से लड़ाई लाक्षणिक तौर पर लड़ने की बात आ जाए तो होमियोपैथी से ज्यादा मजबूत कोई पैथी नहीं। आज देश में होमियोपैथिक चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त है जिनका सहयोग आने वाले समय में कोरोना केंद्रों पर अनिवार्य हो जाएगी। कोरोना पीड़ित मरीजों को अन्य औषधियों के साथ लाक्षणिक होम्योपैथिक औषधियां भी होम्योपैथिक चिकित्सकों द्वारा दिलवाना सुनिश्चित करना चाहिए। तब जो रोग मुक्त होने की गति 43% तक पहुंच चुकी है वह बहुत जल्द 80 %तक पहुंच सकती है बिना किसी दुष्परिणाम और न्यूनतम खर्च पर। यदि विश्व में मानवता का पूर्णकालिक स्वास्थ्य समाधान प्राप्त करना है तो इस अवसर पर पूर्ण हानिरहित होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को अपनी उपयोगिता सिद्ध करने का अवसर देना ही चाहिए।जहां कोई भी चिकित्सा पद्धति आज दावा करने की स्थिति में नहीं है वहीं अधिकतम औषधियों की स्वामी होम्योपैथी को हाथ पर हाथ धरे बैठाए रखना बुद्धिमानी नहीं हो सकती।
अब जब बाहर निकलने की बात होने लगी है तब मास्क के बाद सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत होगी वह है ऐसा हैंड सैनिटाइजर जो त्वचा को नुकसान पहुंचाए बिना हाथ पैर चेहरा और कपाल को भी सेनीटाइज कर सके। यदि मास्क लगा हुआ हो और यह अंग किसी ऐसे सेनेटाइजर से सेनिटाइज्ड हों जिसकी अल्प मात्रा लम्बे समय तक कार्य करती रहे तो सोशल डिस्टेंसिंग को कुछ कम किया जा सकता है। आजकल जिस डीनेचर्ड एल्कोहलिक हैंड सेनीटाइजर का प्रयोग किया जा रहा है वह निरंतर लंबे समय तक प्रयोग करने पर त्वचा के लिए नुकसानदायक होगा एवं चेहरे और कपाल पर तो एकदम नहीं लगाया जा सकता।
ऐसे में कुछ होमियोपैथिक मदर टिंचर जो आमतौर पर वाह्य प्रयोग के लिए बहुत ही सफल सिद्ध हुए हैं, जिनका उपयोग आयुर्वेद भी अपने ढंग से अतीत काल से करता आ रहा है। वे इंडियन होम्योपैथिक फार्माकोपिया के दिशा निर्देशों के आधार पर बने हुए वाह्य प्रयोगी मदर टिंचर हैं-
1-अजाडिरेक्टा इन्डिका क्यू जो नीम से बना हुआ है
2- कैलेंडुला क्यू जो मेरीगोल्ड से बना हुआ है
3-आसिमम सैंकटम क्यू जो तुलसी से बना है
यह सभी 70%से ज्यादा अतिरिक्त शुद्ध अल्कोहल से निर्मित हैं। औषधीय गुणों के कारण यह करीब-करीब हानिरहित भी हैं और साथ ही देश की सैकड़ों होमपेथिक कंपनियां इन्हें बनाकर देने में सक्षम हैं ।
होम्योपैथिक कंपनियों को 12% से ज्यादा अल्कोहल युक्त औषधियों को 30 ml एवं100 mlसे बड़ी पैकिंग बनाने का अधिकार प्राप्त नहीं है। किंतु आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में उनके द्वारा भी बड़ी पैकिंग कुछ समय के लिए विशेष अधिकार देकर बनवाया जा सकता है। इनके द्वारा त्वचा के किसी भी हिस्से को सैनिटाइज किया जा सकता है। दिन भर में 2 से 3 बार ही इनका प्रयोग जीवाणुओं और रोगाणुओं से मुक्त रख सकता है।
यदि शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की बात की जाए तो इसमें भी होम्योपैथी काफी संपन्न है और कारगर भी। यह सभी औषधियां भी उन्हीं हर्बल जड़ी बूटियों से बनी है जिन्हें पूरा संसार एवं अपना देश काफी समय से आयुर्वेद में प्रयोग करता रहा है । किंतु जब आज पूरे संसार को ऐसी हर्बल औषधियों की आवश्यकता है तो शायद वे सबकी आवश्यकता पूरी न कर सकें और काफी महंगी भी साबित हों। ऐसी अवस्था में होम्योपैथिक पद्धति से बने उनके मदर टिंचर की कुछ बूंदें काफी उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं।
उनमें से कुछ निम्नवत हैं-
1- टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया क्यू , यह गिलोय से बनी है इसको 5-5 बूंद की मात्रा सुबह-शाम लेना शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पर्याप्त है।
2-एवेना सेटाइवा क्यू, यह फाइबर एवं खनिज लवणों से भरपूर ओट अर्थात जई से निर्मित है । इसकी भी 5-7 बूंदें सुबह शाम लेना इम्यून सिस्टम को ठीक रखने के लिए पर्याप्त होंगी।
3- अश्वगंधा क्यू यह आज आयुर्वेद की बहु उपयोगी बहुचर्चित औषधि है जो मुंह पर थी में होम्योपैथी में मदर टिंचर के रूप में 5-6 बूंद लेने पर ही अपना कार्य सिद्ध करती है।
4-ऐसपैरेगस क्यू ,इस मदरटिंचर का निर्माण शतावरी से किया गया है जो मूत्र संबंधी रोगों के लिए काफी कारगर है । इसके अलावा यह अश्वगंधा के साथ मिलकर धातु दुर्बलता को भी दूर करती है।6 -7 बूंद सुबह शाम
5- कुरकुमा लौंगा क्यू , यह हल्दी से बना है फेफड़ों और पैंक्रियाज के लिए विशेष लाभप्रद है।
6- चाइना आफिसिनेलिस क्यू ,यह सिनकोना नामक वृक्ष की छाल से बनी है जिससे प्रचुर मात्रा में कुनैन प्राप्त की जाती है। यह औषधि स्वास्थ्य रक्षा में विशेष कारगर है।5-5 बूंद सुबह शाम।
7-स्टर्कूलिया यह कैरेबियन दीप समूह और अफ्रीका में पाए जाने वाले कोला नट से बना है । जिसकी इम्यून बूस्टिंग प्रॉपर्टी के लिए बहुत कुछ लिखा पढ़ा गया है दुनिया भर की बहुत कंपनियां शारीरिक शक्ति बढ़ाने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अनेकानेक पेयों में इसका प्रयोग करती हैं। कोको कोला में भी कोला यही है। 5 से 10 बूंद तक रोज।
8-अल्फाअल्फा क्यू, लूसर्न ग्रास से निर्मित यह मदरटिंकचर एक बेहतरीन शक्तिवर्धक है।
वैसे ही काली मिर्च, दालचीनी, जामुन के बीज ,अर्जुन की छाल , लेहसुन और अदरक से भी होमियोपैथिक मदर टिंचर बने हैं जो तरह तरह से इस महामारी के लिए फायदेमंद हैं।
होम्योपैथी में सबसे खास बात यह है कि इसकी अल्प मात्रा ही काफी है। जैसे 1 किलो गिलोय से इतना मदर टिंचर बन सकता है की 330 आदमी रोज 10 बूंद की मात्रा के हिसाब से तीस दिन तकले सकते हैं । जबकि उतना ही लाभ पाने के लिए आयुर्वेद में 1 किलो गिलोय 330 लोगों के लिए 3 दिन के लिए भी पर्याप्त ना हो।
एक बार में फिर कहूंगा लाक्षणिक आधार पर शक्तिकृत होम्योपैथिक औषधियों का एलोपैथिक अथवा आयुर्वेदिक औषधियों के साथ प्रयोग करके आशातीत लाभ प्राप्त किया जा सकता है। और इस महामारी पर संयुक्त प्रहार करके विजय प्राप्त किया जा सकता है।

लेखक

डॉ एम डी सिंह

 गाजीपुर ऊप्र में पचास वर्षों से होमियोपैथी के चिकिस्तक 

Share from A4appleNews:

Next Post

विश्व तम्बाकु निषेध दिवस- टूटू स्कूल में स्वयंसेवियों ने पेंटिग बनाकर गली-मुहल्लों व दूकानों में चिपकाई

Mon Jun 1 , 2020
एप्पल न्यूज़, शिमला रा.व.मा.पा. टुटू की एन.एस.एस. इकाई द्वारा तम्बाकु के सेवन के खिलाफ 31 मई तक सप्ताह भर का जन जागरण अभियान चलाया गया। एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी मनोहर ठाकुर व चेतना कश्यप ने बताया कि इस अभियान के तहत रविवार को स्वयंसेवियों मुस्कान, कशिश, डिंपल, आरती, स्वाती, निधि, श्रुति, […]

You May Like

Breaking News