एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल के तीन निर्दलीय का मामला कोर्ट में लटकने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भी जून के पहले सप्ताह तक अटका दिया है। दरअसल विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों निर्दलीयों विधायकों को नोटिस जारी कर पेशी में बुलाया था।
जिसमें निर्दलीयों से उनका पक्ष रखने को कहा गया था लेकिन यह दूसरा मौका था जब निर्दलीय विधायक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई पेशी की तारीख में नहीं पहुंचे।
विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कर दिया है की अब मामले कि अंतिम सुनवाई जून के पहले सप्ताह करेंगे। उसमें अपना निर्णय भी सुना देंगे।
हालांकि मामला विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तीनों निर्दलीय के इस्तीफे स्वीकार करने का है। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि तीनों निर्दलीय विधायकों द्वारा इस्तीफा स्वीकार करने से पहले ही भाजपा को ज्वाइन कर लिया था।
ऐसे में इनके ऊपर दल बदल कानून लगता है और उसी का जवाब इनसे मांगा गया था। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी उनके दल बदल पर सवाल उठाए हैं। जिसको लेकर स्पीकर को शिकायत दी गई गई।
उसको लेकर भी विधायकों से सवाल जवाब किए गए जिसमें विधायकों ने भी माना है कि उन्होंने इस्तीफा स्वीकार होने से पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थीं। फिलहाल मामला चुनाव तक लटकता नज़र आ रहा है। उसके बाद ही स्पीकर इसमें कोई बड़ा फैसला देंगे।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चुनावों के दौरान राजनीतिक मंच सांझा करने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कुलदीप पठानिया ने कहा की वह पहले कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
वह विधानसभा के अंदर ही सिर्फ स्पीकर हैं जबकि बाहर तो है वह एक पार्टी के कार्यकर्ता हैं ऐसे में उनकी शिकायत चुनाव आयोग को भाजपा ने की है उससे वह डरने वाले नहीं है।
ओम बिरला भी पहले पार्टी के आदमी है उसके बाद लोकसभा स्पीकर है। उन्होंने इसमें किसी तरह के नियमों की अवहेलना नहीं की है।
भाजपा के विधान सभा अध्यक्ष राजीव बिंदल और विपिन परमार तो स्पीकर की कुर्सी पर बैठकर करते आरएसएस की बातें करते थे।