एप्पल न्यूज, धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का तपोवन परिसर अब नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) प्रणाली का हिस्सा बन गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की उपस्थिति में नेवा का शुभारंभ किया।
यह कदम हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल विधायी कार्यप्रणाली से जोड़ता है। नेवा के माध्यम से हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही, पारित विधेयक, राज्यपाल का अभिभाषण, और बजट दस्तावेज देशभर में कहीं से भी ऑनलाइन देखे जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस पहल को डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया का सपना 1985 में स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था, जब उन्होंने तकनीकी प्रगति और डिजिटल व्यवस्थाओं के महत्व को समझा।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि हिमाचल प्रदेश हमेशा से तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी रहा है। राज्य ने 2010 में ई-विधान प्रणाली को अपनाकर देश का नेतृत्व किया। अब नेवा को अपनाने से हिमाचल की विधायी कार्यप्रणाली राष्ट्रीय मंच पर पहुंच गई है।
यह पहल न केवल पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देगी, बल्कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से कागजी कार्य को भी कम करेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में नेवा परियोजना केवल तपोवन परिसर तक सीमित है, लेकिन विधानसभा सचिवालय ने शिमला में भी इसे लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा है।
शिमला परिसर में यह सुविधा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की योजना बनाई है।
ई-विधान की शुरुआत और लाभ:
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने 2010 में ई-विधान प्रणाली को अपनाकर देश में एक मिसाल कायम की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह और विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल के प्रयासों से इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने 8.12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे।
ई-विधान प्रणाली ने विधानसभा कार्य में दक्षता और पारदर्शिता लाई। अब एक दशक बाद नेवा प्रणाली के माध्यम से विधानसभा को राष्ट्रीय मंच से जोड़ा गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे प्रदेश के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि इससे विधायी कार्यों में और सुधार होगा।
पर्यावरण और तकनीकी प्रगति:
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नेवा प्रणाली लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उन्होंने याद किया कि 6 मार्च 2020 को हिमाचल विधानसभा में पहला डिजिटल बजट पेश किया गया था।
जयराम ठाकुर ने उम्मीद जताई कि नेवा प्रणाली से प्रदेश को पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि पहले विधानसभा की कार्यवाही के लिए भारी मात्रा में कागजों का उपयोग होता था, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता था। नेवा जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए यह समस्या हल हो गई है।
निष्कर्ष:
नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश की विधायी व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह कदम न केवल प्रदेश की कार्यक्षमता और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि देशभर में इसे डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण का आदर्श उदाहरण बनाएगा।
शिमला विधानसभा में भी इस प्रणाली के लागू होने से प्रदेश की विधायी प्रक्रियाओं में और अधिक सुधार देखने को मिलेगा।