एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 16 लाख उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है। जल शक्ति विभाग पीने के पानी बिल में अब 30 फीसदी ही सीवरेज चार्ज जोड़ेगा। मंत्रिमंडल की बैठक में जल शक्ति विभाग द्वारा चार्ज किए जा रहे पानी के बिलों के सीवरेज शुल्क को 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के पंजीकृत लाभार्थियों के दो बच्चों तक की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाने के लिए भी अपनी अनुमति दी।
पहली से आठवीं कक्षा तक अब छात्राओं को आठ हजार रुपये और छात्रों को पांच हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इसी तरह 9वीं से 12वीं कक्षा तक छात्राओं को 11 हजार रुपये और छात्रों को आठ हजार रुपये वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। स्नातक की पढ़ाई कर रही छात्राओं को 16 हजार रुपये और छात्रों को 12 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएशन और एक से तीन साल तक का डिप्लोमा करने वाली छात्राओं को 21 हजार रुपये और छात्रों को 17 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी। प्रोफेशनल कोर्स/पीएचडी डिग्री करने वाली छात्राओं को 36 हजार रुपये और छात्रों को 27 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी।
श्रमिकों के दो बच्चों की शादी के 51 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। पहले यह राशि 35 हजार रुपये थी। मंत्रिमंडल ने अनुबंध के आधार पर कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के 30 पद, कनिष्ठ अभियंता (मैकेनिकल) के 20 पद और जल शक्ति विभाग में कनिष्ठ अभियंता (विद्युत) के छह पद भरने के लिए अपनी मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में महिला शक्ति केंद्र योजना लागू करने की स्वीकृति प्रदान की। प्रत्येक जिले में महिला कल्याण अधिकारी का एक पद तथा जिला समन्वयक के दो पदों को आउटसोर्स आधार पर सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान दी।
म्ंात्रिमंडल ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की प्रभावी निगरानी और कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए राज्य खाद्य आयोग के गठन को भी स्वीकृति दी।
मंत्रिमंडल ने करूणामूलक रोजगार के मामलों के निपटारे के लिए ‘करूणामूलक रोजगार’ तथा विभाग को शक्तियों के प्रतिनिधान (डेलिगेशन आॅफ पावर) की नीति का सरलीकरण करने का निर्णय लिया। अब लिपिक के स्थान पर यह मामले कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के पद पर माने जाएंगे।
बैठक में जल शक्ति विभाग में अनुबंध आधार पर कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के 30 पद, कनिष्ठ अभियंता (मेकेनिकल) के 20 पद और कनिष्ठ अभियंता (इलैक्ट्रिकल) के छह पद भरने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने अनुबंध आधार पर आशुटंकक के दो पद और उपायुक्त कार्यालय कुल्लू में दैनिक भोगी आधार पर वाहन चालक का एक पद, इसके अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय चम्बा में दैनिक भोगी आधार पर वाहन चालक का एक पद भरने का निर्णय लिया।
बैठक में सहकारी विभाग में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को दिए जाने वाले आरक्षण के तहत बैकलाॅग के लिए अनुबंध आधार पर कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के दो पद भरने को स्वीकृति दी।
कांगड़ा जिला के इंदौरा विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़ी कंदरौडी में विज्ञान कक्षाएं (नाॅन मेडिकल) और ज्वालामुखी विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुम्मर में वाणिज्य कक्षाएं तथा इन विषयों में प्रवक्ताओं के 6 पदों के सृजन के साथ भरने का निर्णय लिया।
बागवानी और वानिकी विकास और विस्तार संस्थान थुनाग का नाम वानिकी और बागवानी महाविद्यालय थुनाग करने और महाविद्यालय प्रबंधन के लिए आवश्यक पदों को सृजित करने को भी अपनी सहमति दी।
जिला सिरमौर के नारग में जल शक्ति विभाग का उपमंडल खोलने, इसके अलावा इस उपमंडल के अन्तर्गत नारग और दिलमन में नए अनुभाग बनाने का निर्णय भी लिया।
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रोगी कल्याण समिति में अनुबंध पर कार्य रही तथा रोस्टर प्वाइंट से शेष रह गई 18 स्टाफ नर्सो को नियुक्ति देने की स्वीकृति प्रदान की, जिसके लिए भर्ती का मामला निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भेजा गया है, जिन्हें पूर्वेक्षण (प्रोस्पेक्टिव) तिथि से माना जाएगा।
जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर, केंद्र सरकार ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की कुछ धाराओं में संशोधन किए हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण हिमाचल प्रदेश जीएसटी अधिनियम के तहत संबंधित संशोधन जारी नहीं किए जा सके। अब राज्य मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत किए जाने वाले आवश्यक संशोधन को अध्यादेश के माध्यम से करने की मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के धारा- 31 के उप-धारा (2) के नियम को प्रतिस्थापन करने के लिए अध्यादेश के खंड-7 को स्वीकृति प्रदान की ताकि सरकार को सेवाओं आपूर्ति की सेवाओं के वर्गीकरण को अधिसूचित करने के लिए सक्षम बनाया जा सके ताकि टैक्स इन्वाइस जारी करने के लिए आवश्यक नियम बनाए जा सके।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु और सेवा कर अधिनियम की धारा 51 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश के खंड 8 को अपनी मंजूरी दी ताकि सरकार स्रोत पर कर कटौती हेतू प्रारूप तथा प्रणाली के निर्धारण हेतु नियम बना सके। मंत्रिमंडल ने उक्त अधिनियम की धारा 122 ए के अन्तर्गत उप धारा (1ए) को शामिल करने के लिए अध्यादेश के खंड 9 को मंजूरी प्रदान की ताकि कुछ लेनदेन के लाभार्थियों जिनके द्वारा इस प्रकार का लेनदेन किया जाता है को जुर्माना लगाया जा सके।
मंत्रिमंडल ने उक्त अधिनियम की धारा 132 में संशोधन हेतु अध्यादेश के खंड 10 को स्वीकृति प्रदान की ताकि इन्वाइस के बिना धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रैडिट हासिल करने के अपराध को उक्त अधिनियम की धारा 69 की उप-धारा 1 के अन्तर्गत संज्ञेय और गैर जमानती अपराध घोषित किया जा सके तथा ऐसे व्यक्ति जिसको विशेष लेनदेन का लाभ होता है तथा जिसके कहने पर ऐसा लेनदेन किया जाता है को दंड के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सके।
मंत्रिमंडल ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए स्थानान्तरीय (ट्रांजिशनल) व्यवस्था से संबंधित अधिनियम की धारा 140 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश के खंड 11 को अपनी स्वीकृति दी, ताकि वर्तमान नियमों के अंतर्गत कुछ अनअवेल्ड क्रेडिट्स के मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए समय सीमा और तरीके का निर्धारण किया जा सके। यह संशोधन 1 जुलाई, 2017 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी होगा।
बैठक में उक्त अधिनियम में नई धारा 168 ए को शामिल करने के लिए अध्यादेश की खंड-12 को भी स्वीकृति प्रदान की ताकि सरकार को इस तरह की अधिसूचना को पूर्वव्यापी रूप से जारी करने के लिए सशक्त किया जा सके। जो कोविड-19 महामारी के कारण सार्वजनिक हित में तत्काल जारी नहीं किया जा सका।
मंत्रिमंडल ने उक्त अधिनियम के धारा 172 को संशोधित करने के लिए अध्यादेश के खंड-13 को स्वीकृति प्रदान की, ताकि इसके तहत कठिनाइयों को दूर करने के लिए समय सीमा को बढ़ाकर तीन वर्ष से पांच वर्ष किया जा सके, जो अधिनियम के प्रारंभ से प्रभावी होगा।