एप्पल न्यूज़, शिमला
बिजली के आए दिन अघोषित कट बागवानों की परेशानी का सबब बन गए हैं यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमे,टी जुब्बल नावर कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, लोकपाल शरकोली, घनश्याम चौहान,बलदेव पापटा, चंदर चौहान, शमशेर लहोल्टा, कुलदीप चौहान,सतपाल चौहान, कौशल मुंगटा, नरिंदर डोगरा,मुकेश सांजटा, धर्मेंदर बचटा,ललित बालटू, अनिल चौहान,भोपिंदर चौहान, राजेश रान्टा,देवराज चौहान, सुधीर खिंमटा, बिट्टू कडीवन, देविंदर चौहान, सौरव रोहटा , राजेश शर्मा, मोहिंदर शर्मा और राहुल शान्टा ने कही। जुब्बल-नावर-कोटखाई में सेब सीज़न जोरों पर चल रहा हैं वही बिजली के अघोषित कटो से बागवानों में भारी आक्रोश हैं।
उन्होंने कहा कि एक तो पहले ही बाग़वान श्रमिकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं और वहीं क्षेत्र में हर दिन बिजली गुल रहती हैं जिससे बागवानों को सेब ग्रेडिंग मशीनों में सेब पैकिंग करने में ख़ासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। बिजली के अघोषित कटो के चलते सरकारी कार्यालयों में जनता को रोजमर्रा के कार्य करवाने में भी बाधा पड़ रही हैं। बिजली की आंख मिचौली के चलते छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां सेब सीज़न से पूर्व सरकारी ख़र्चे पर श्रमिकों को लाने की बात कही थी वही आज बाग़वान निजी ख़र्चे पर श्रमिकों को लाने में मजबूर हैं और अब सरकारी क्वारन्टीन संस्थानों में श्रमिकों को रखने का भारी भरकम ख़र्चा भी बागवानों से वसूला जा रहा हैं। सरकार के क्वारन्टीन संस्थानों के अभाव के चलते बागवानों को श्रमिकों को लाने के पास ज़ारी नही किये जा रहे। उन्होंने अपनी मांग को पुनः दोहराते हुए कहा कि जिन बागवानों और ठेकादारों के पास सुरक्षा के लिहाज़ से श्रमिकों को रखने के लिए सुविधा उपलब्ध हैं उन्हें सरकार सभी जरूरी एहतियात के साथ श्रमिकों को होम क्वारन्टीन करने की अनुमति दें। उन्होंने कहा कि कोटखाई में दो माह से तहसीलदार का पद रिक्त पड़ा हुआ हैं जिससे जनता को श्रमिकों के पास बनवाने और राजस्व संबंधित कार्य करवाने में दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा हैं। सरकार कोटखाई में रिक्त पड़े तहसीलदार के पद को तुरंत भरें। उन्होंने सरकार का स्कैबग्रस्त सेब न खरीदने का फ़ैसला बाग़वान विरोधी ठहराया हैं और सरकार से सकैबग्रस्त सेब एमआईएस के तहत ख़रीदकर मंडियो में न भेजकर सुरक्षित स्थान में नष्ट करने की मांग की हैं। इसी प्रकार बाग़वानी विभाग के पौध सरक्षण केंद्रों में फफूंदनाशक दवाइयो की भारी कमी के चलते मध्यम व ऊंचाई वाले स्थानों में स्कैब ने सबसे अधिक कहर बरपाया हैं। भाजपा सरकार के ढाई वर्षो के कार्यकाल में जिला शिमला की हर क्षेत्र में अनदेखी हुई हैं और जनता स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। उन्होंने सेब सीज़न और बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को देखते हुए सरकार से बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से करने की मांग की।