एप्पल न्यूज़, शिमला
निर्वाचित प्रतिनिधियों की विकासात्मक वरीयताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए और राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि विकास के लिए धन की कमी आड़े न आए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात बजट 2022-23 के लिए विधायक प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए आज यहां सायंकालीन सत्र में जिला चम्बा, शिमला और लाहौल-स्पीति के विधायकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुआ है और राज्य सरकार ने इस चुनौती का सामना करने के लिए स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करने पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व राज्य में सिर्फ दो ऑक्सीजन संयंत्र थे जबकि आज राज्य के विभिन्न भागों में 48 ऑक्सीजन संयंत्र हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना और राज्य सरकार की हिमकेयर योजना ने गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को बहुत आवश्यक राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहारा योजना गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के परिवारों को 3,000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए विधायक प्राथमिकता योजनाओं के तहत नाबार्ड के अन्तर्गत 965.41 करोड़ रुपये लागत की 186 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्य सरकार के वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक के पहले चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान 18500 करोड़ रुपये के कुल वार्षिक योजना परिव्यय के प्रावधान के मुकाबले वर्तमान प्रदेश सरकार के वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक पहले चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान 34,474 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस दो दिवसीय विधायक प्राथमिकता बैठक में 51 विधायकों ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह बैठक उनके क्षेत्रों के विकास की वास्तविक योजना के निर्धारण में दूरगामी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को उनके सुझाव और प्राथमिकताओं को रखने के लिए पर्याप्त समय प्रदान किया गया। उन्होंने विधायकों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा उठाए गए मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और इन्हें आगामी बजट में शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए नाबार्ड, सीआरएफ और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत पर्याप्त निधि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सड़कें पहाड़ की आर्थिकी की जीवन रेखा है और सरकार इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बागवानी क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति की है।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
जिला चंबा :
विधायक भरमौर जिया लाल ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए भरमाणी माता और भनोटी रज्जू मार्ग तथा भरमौर अस्पताल भवन का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए, ताकि क्षेत्र के लोगों को इससे सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि चंबा और भरमौर के लिए हेली-टैक्सी सेवा शुरू की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए पांगी में पेट्रोल पंप खोलने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भरमौर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पद भरे जाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री का होली-उतराला सड़क को वन मंजूरी देने के लिए आभार व्यक्त किया।
चंबा के विधायक पवन नैय्यर ने कहा कि चंबा विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार साल में 58 नई सड़कों, 5 पुलों और 15 भवनों का निर्माण किया जा रहा है और उनमें से अधिकांश का कार्य लगभग पूर्ण होने वाला है। उन्होंने कहा कि चंबा से खजियार के बीच रज्जू-मार्ग का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे क्षेत्र में पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से चम्बा को पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा देने का तथा सुल्तानपुर के लिए मलनिकासी योजना के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया।
भटियात के विधायक विक्रम जरयाल ने मुख्यमंत्री से भटियात विधानसभा क्षेत्र के चुवाड़ी क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति मण्डल खोलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सड़कों के रखरखाव और निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानभा क्षेत्र में पेट्रोल पंप खोलने की आवश्यकता है और नागरिक अस्पताल चुवाड़ी को 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में स्तरोन्नत करने का आग्रह किया।
जिला शिमला
चौपाल से विधायक बलबीर सिंह वर्मा ने कहा कि उनके क्षेत्र में स्नो कटर प्रदान किया जाना चाहिए और सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक अस्पताल कुपवी के लिए उपयुक्त निधि प्रदान की जाए ताकि इसका कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुपवी में पैट्रोल पम्प और अग्निशमन केंद्र खोला जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र में वन विश्राम गृहों की मरम्मत और जीर्णोंद्धार की आवश्यकता भी जताई।
ठियोग से विधायक राकेश सिंघा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लेते हुए कहा कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सीए स्टोर के तंत्र को और बेहतर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विपणन समिति (एचपीएमसी) द्वारा संचालित सीए स्टोर में राज्य के किसानों को अपने उत्पादों के भण्डार में प्राथमिकता दी जानी चाहिए और निजी क्षेत्र में संचालित सीए स्टोरों को भी इसके लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा जाना चाहिए। उन्होंने किसानों को उच्च घनत्व वाली फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता भी जताई। उन्होंने क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य जरूरतों के दृष्टिगत ठियोग में प्रमुख जिला अस्पताल खोलने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारकंडा और मतियाणा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्तरोन्नत करने का भी आग्रह किया।
कसुम्पटी के विधायक अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि विधायक प्राथमिकता में शामिल मुख्य सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यातायात संकुलता से निजात पाने के दृष्टिगत लक्कड़ बाजार स्थित बस अड्डे को ढली में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खेल योजना के अन्तर्गत जिम खोलने के लिए निधि का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मल्याणा में छात्रा महाविद्यालय खोला जाना चाहिए।
शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विस्तृत योजना रिपोर्ट तैयार करने में देरी के कारण विधायक प्राथमिकता की कुछ सड़कें अभी भी लम्बित हैं। उन्होंने कहा कि शकरोड़ी, सुन्नी इत्यादि पंचायतों के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में कोल बांध से पेयजल आपूर्ति की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शोघी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र एक शूटिंग रेंज खोलने की योजना थी, जिसे उपयुक्त स्थान पर शीघ्र स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समितियों के तहत खण्ड विकास अधिकारियों को कुछ वित्तीय शक्तियां अवश्य प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शोघी में एक दुग्ध एकत्रीकरण केन्द्र और बसन्तपुर में सब्जी मण्डी खोली जानी चाहिए।
जुब्बल-कोटखाई से विधायक रोहित ठाकुर ने कहा कि उनके क्षेत्र की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खड़ापत्थर सुरंग का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि उनके क्षेत्र को सभी मौसमों में सड़क सम्पर्क सुनिश्चित हो सके और इससे शिमला से रोहड़ू की दूरी लगभग 12 किलोमीटर कम होगी। उन्होंने कहा कि सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में क्रैश बैरियर का प्रावधान जोड़ा जाना चाहिए ताकि सड़कें और सुरक्षित हो सकें। उन्होंने उच्च घनत्व वाले पौधरोपण को अनुदान के अन्तर्गत लाने की आवश्यकता भी जताई। उन्होंने कहा कि बागवानों की सुविधा के लिए खड़ापत्थर में कोल्ड स्टोर स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के उपमण्डल कोटखाई में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने और घुंघलीधार स्थित 22 के.वी. पावर कंट्रोल सेंटर की मुरम्मत और रख-रखाव का भी आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का भी आग्रह किया।
रोहड़ू से विधायक मोहन लाल बराक्टा ने कहा कि विधायक निधि और ऐच्छिक निधि बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक अस्पताल रोहड़ू के नवनिर्मित भवन का शीघ्र लोकार्पण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने के अतिरिक्त एक्स-रे और अल्ट्रा मशीनें उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संदासू को नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र समरकोट को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में स्तरोन्नत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोडरा-क्वार जाने वाली सड़क का उचित रख-रखाव किया जाना चाहिए और डोडरा-क्वार के स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिड़गांव में अग्निशमन केन्द्र खोला जाना चाहिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री और इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए विधायकों से अपने बहुमूल्य सुझाव देने का आग्रह किया ताकि इन्हें वर्ष 2022-23 के बजट में सम्मिलित किया जा सके।
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह, आर.डी. धीमान और जे.सी. शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, पीसीसीएफ अजय श्रीवास्तव, प्रधान सचिव आर.डी. नज़ीम, सुभाशीष पांडा, भरत खेड़ा और देवेश कुमार, सचिव डॉ. अजय शर्मा, राजीव शर्मा, अमिताभ अवस्थी और एस.एस. गुलेरिया तथा योजना सलाहकार डॉ. बासु सूद बैठक में उपस्थित रहे, जबकि विभिन्न विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों एवं अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न परियोजनाओं की डीपीआर समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यहां बजट 2022-23 की विधायक प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए दूसरे दिन के पहले सत्र में जिला कांगड़ा और किन्नौर के विधायकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए विभिन्न मामलों के अलावा उनके बहुमूल्य सुझावों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि विधायकों को अपनी प्राथमिकताओं को प्रस्तुत करने और बजट 2022-23 के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव देने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों के दौरान यह सुनिश्चित किया है कि राज्य के हर क्षेत्र और समाज के हर वर्ग को प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी और विकासात्मक योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि महामारी के शुरूआती दौर में प्रदेश में केवल दो ऑक्सीजन प्लांट थे और आज प्रदेश के विभिन्न भागों में 48 ऑक्सीजन प्लांट हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग धन के अभाव में बेहतर स्वास्थ्य देखभाल से वंचित न रहे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 4.26 लाख परिवारों का पंजीकरण किया गया है और 1.20 लाख लोगों को 145 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना के अन्तर्गत 5.13 लाख परिवार पंजीकृत हैं और 2.20 लाख परिवारों को लगभग 200 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की उज्ज्वला योजना और राज्य सरकार की गृहिणी सुविधा योजना के अन्तर्गत राज्य के 4.69 लाख से अधिक परिवारों को 141.71 करोड़ रुपये के निःशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधायकों की प्राथमिकताओं पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल में विधायकों की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल 2,363.80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा पहले चार वर्षों के लिए 3,183.37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला ने मुख्यमंत्री से ज्वालामुखी में एचआरटीसी का सब डिपो खोलने का आग्रह किया। उन्होंने कठोग में स्टेडियम के निर्माण के लिए व्यय नहीं की गई धनराशि का उपयोग करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विकास में जन सहयोग योजना के अन्तर्गत पर्याप्त धनराशि का उपयोग किया जाना चाहिए।
जिला किन्नौर
किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के लिए इकहरी प्रशासन प्रणाली को समाप्त करने की आवश्यकता है क्योंकि बेहतर प्रशासन के लिए सत्ता का विकेंद्रीकरण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए बिजली लाइनों में टावरों की स्थापना में बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए निधि को गैर-जनजातीय क्षेत्रों में स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं देने का भी आग्रह किया।
जिला कांगड़ा
इंदौरा से विधायक रीता धीमान ने क्षेत्र की विकासात्मक मांगों के प्रति सदैव संवेदनशील होने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इंदौरा में नागरिक अस्पताल भवन का निर्माण अतिशीघ्र किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए क्षेत्र में बेहतर अनाज मंडी खोली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए बजट प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र में ब्यास नदी के तटीयकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया।
फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि फतेहपुर में लघु सचिवालय भवन और रे में राजकीय महाविद्यालय का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पौंग डैम को महत्त्वपूर्ण जलक्रीड़ा गतंव्य के रूप में विकसित किया जाना चाहिए और इसके लिए एक उचित नीति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की विभिन्न सड़कों के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाई जानी चाहिए और क्षेत्र में नशीली दवाईयों के नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
ज्वाली से विधायक अर्जुन सिंह ने कहा कि क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से देहरा-नगरोटा सूरियां-ज्वाली सड़क के उचित रख-रखाव का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नगरोटा सूरियां अस्पताल का सुदृढ़ीकरण और नगरोटा सूरियां पुलिस चौकी को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से क्षेत्र के लिए अधिक बस सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए आग्रह किया।
देहरा से विधायक होशियार सिंह ने कहा कि मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी कम से कम न्यूनतम दिहाड़ी के बराबर की जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से पौंग डैम विस्थापितों के लिए उचित पुनर्वास का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के देहरा परिसर का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरिपुर में संयुक्त कार्यालय भवन का निर्माण और क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित किया जाना चाहिए।
जयसिंहपुर से विधायक रविन्द्र धीमान ने कहा कि जयसिंहपुर में जल शक्ति मंडल की अधिसूचना शीघ्र जारी की जानी चाहिए। । उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विभिन्न विकासात्मक अधोसंरचनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
नगरोटा बगवां से विधायक अरूण कुमार ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। उन्होंने नगरोटा बगवां में लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह का निर्माण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की सभी महत्त्वपूर्ण सिंचाई योजनाओं के रख-रखाव के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से विधानसभा क्षेत्र में केन्द्रीय विद्यालय खोलने का आग्रह भी किया।
कांगड़ा से विधायक पवन काजल ने कहा कि गत वर्ष आयी बाढ़ में क्षेत्र की सिंचाई कूहलों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिनके रख-रखाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में एमआरआई और अन्य उपकरणों का उचित रख-रखाव किया जाना चाहिए क्योंकि यह संस्थान प्रदेश के छः जिलों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में एक आईटी पार्क स्थापित किया जाना चाहिए।
धर्मशाला से विधायक विशाल नेहरिया ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला को पारंपरिक रूप प्रदान करने के लिए इसके निर्माण में स्थानीय स्लेट का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मशाला बस अड्डे का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत शहर में शीघ्र स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में जल शक्ति उप-मंडल खोला जाना चाहिए और योल पुलिस पोस्ट को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत किया जाना चाहिए। उन्होंने धर्मशाला में नए चिकित्सा खंड की आवश्यकता पर भी बल दिया।
पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि पालमपुर में खण्ड विकास अधिकारी का कार्यालय खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि पालमपुर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों को पर्याप्त एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पालमपुर शहर के योजनाबद्ध विकास के लिए समुचित विकास योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पालमपुर में एक युद्ध स्मारक और एक पैरा ग्लाइडिंग प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किया जाए।
बैजनाथ से विधायक मुल्खराज प्रेमी ने बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र के छोटा भंगाल में आईटीआई, संयुक्त कार्यालय और राजकीय महाविद्यालय की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बीड़-बड़ागांव के पर्यटन की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस सड़क का निर्माण शीघ्र पूर्ण करने का आग्रह किया। उन्होंने बड़ा भंगाल में सोलर लाईट उपलब्ध करवाने के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बैजनाथ और पपरोला के लिए उचित पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया। उन्होंने वाहनों के सुचारू संचालन के लिए बैजनाथ बाईपास बनाने का भी आग्रह किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा 205 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर योजना विभाग को प्रेषित की गई हैं।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी और उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह, आर.डी. धीमान और जे.सी. शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, पीसीसीएफ अजय श्रीवास्तव, प्रधान सचिव आर.डी. नज़ीम, सुभाशीष पांडा, भरत खेड़ा और देवेश कुमार, सचिव डॉ. अजय शर्मा, राजीव शर्मा, अमिताभ अवस्थी और एस.एस. गुलेरिया एवं योजना सलाहकार डॉ. बासु सूद बैठक में उपस्थित रहे, जबकि विभिन्न विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों एवं अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।