तीन मंजिलों को गिराने का आज ही शुरू हो चुका काम
एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में संजौली के लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से दायर याचिका में हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप शर्मा ने नगर निगम कमिश्नर को 8 हफ्ते के भीतर फैसला करने के आदेश दिए हैं और सभी संबंधित पक्षों को भी इसको लेकर नोटिस जारी किए हैं।
संजौली के स्थानीय नागरिकों की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में आग्रह किया गया था कि अदालत नगर निगम कमिश्नर को इस अवैध निर्माण के 2010 से चल रहे मामले का निपटारा समयबद्ध करने के निर्देश दे। जिस पर हाई कोर्ट ने आज 8 हफ्तों में प्रोसीडिंग्स पूरी करने का आदेश दिया है।
स्थानीय नागरिकों ने वर्ष 2010 में नगर निगम के समक्ष शिकायत की थी कि संजौली मस्जिद में बिना अनुमति व बिना नक्शा पास करवाए अवैध निर्माण हो रहा है।
नगर निगम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है। वही आज मस्जिद के तीन अवैध मंज़िल के निर्माण को हटाने का कार्य मस्जिद कमेटी ने आरंभ कर दिया है।
लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से मामले में एडवोकेट जगत पॉल ने बताया कि हाईकोर्ट ने रिट को स्वीकार करते हुए नगर निगम कमिश्नर को आदेश जारी किए हैं कि आठ हफ्ते में इस केस की पूरी प्रोसीडिंग्स को खत्म किया जाए। ये मामला करीब पंद्रह साल से लंबित है।
वहीं, अधिवक्ता पायल ने बताया कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष कई तथ्य पेश किए हैं। उच्च न्यायालय को बताया गया है कि नगर निगम के कागजों से पता चलता है कि पूरी मस्जिद का निर्माण अवैध तरीके से हुआ है। इस संबंध में साल 2010 में स्थानीय लोगों ने एक शिकायत भी दर्ज करवाई थी।
5 मई, 2010 को मौके पर तत्कालीन जेई आए थे और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि यहां अवैध निर्माण किया गया है।
ज्ञात रहे कि वर्ष 2010 में लोकल रेजिडेंट्स की तरफ से नगर निगम में एक शिकायत दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण किया जा रहा है।
शिकायत में कहा गया कि संबंधित अथॉरिटी की अनुमति व नक्शे को मंजूर करवाए बिना निर्माण किया जा रहा है जिसमें रोक लगाई जाए लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मामला नगर निगम कोर्ट में 15 साल से विचाराधीन है जिस पर आज हाइकोर्ट ने अब आठ सप्ताह के भीतर निपटारे के आदेश दिए हैं।
नगर निगम शिमला कोर्ट के आदेशों के बाद संजौली स्थित मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने का काम आज से मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष लतीफ मोहम्मद की देखरेख में आरम्भ हो गया।
मोहम्मद लतीफ ने बताया कि मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के लिए अभी तक पूरे पैसे का इंतजाम नहीं हुआ है। इसके बावजूद तोड़ने का काम आरम्भ कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए काफी अधिक पैसे की जरूरत है। इस कारण इस कार्य में तीन से चार माह का समय लग सकता है।
इस बीच शहरी विकास व लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मस्जिद का अवैध हिस्सा कानूनी प्रक्रिया के तहत तोड़ा जा रहा है।
नगर निगम कोर्ट ने 5 अक्तूबर को मस्जिद की अवैध रूप से बनी तीन मंजिलों को तोड़ने का आदेश दिया था। इस कार्य के लिए निगम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को दो महीने का समय दिया है।
बाद में अवैध हिस्से को तोड़ने के लिए मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से अनुमति मांगी थी जो अब मिल गई है।