एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ (हपुटा) हिमाचल सरकार द्वारा पारित अनुबंध सेवाओं संबंधित विधेयक का समर्थन करती है तथा विश्वास व्यक्त करती है कि इस विधेयक के लागू होने पर पूर्व में तदर्थ/अनुबंध आधार पर नियुक्त कर्मचारी की अनैतिक तौर पर पूर्व में प्रदान की गई सेवाओं के अधिग्रहण पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने में सार्थक सिद्ध होगा।
विधेयक के लागू होने से आम जनता के ऊपर पढ़ने वाले आर्थिक बोझ को रोका जा सकेगा।
हपुटा मांग करती है कि कुछ स्वार्थी तत्त्वों द्वार इस विषय के ऊपर के जा रही राजनीति निजी स्वार्थों से प्रेरित है जबकी विधानसभा में इस विधायक को पक्ष एवं विपक्ष द्वारा बिना किसी विरोध के ध्वनिमत से पारित किया जा चुका है।
हपुटा ये भी मांग करती है कि इस विधेयक को पूर्ण तौर पर सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में पूर्ण रूप से लागू किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां जो सरकारी सेवाओं में आने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत कर रही है, उनकी भावनाओं और भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो और प्रदेश की जनता के साथ धोखा ना हो।
हपुटा सरकार से ये भी पुरजोर मांग करती है कि यूजीसी द्वारा 2016 से लागू सातवें वेतनमान को पूर्ण रूप से लागू किया जाए जो कि पूर्व की सरकार द्वारा आधा अधूरा दिया गया था और जिन शिक्षकों की कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (CAS) के तहत पदोन्नति देय है उनको भी जल्दी से जल्दी लागू किया जाए और शिक्षा सचिव द्वार इस संबंध में जारी अधिसूचना को वापस लिया जाए।
हपुटा सरकार से ये भी मांग करती है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के एरियर की बकाया राशि को शीघ्र जारी किया जाए ।
हपुटा ये भी मांग करती है कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 60 साल से बढ़ाकर 65 साल कर ली जाए I