IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

दुग्ध आधारित अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करने में हिमाचल सरकार ने एक वर्ष में 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट किए स्थापित

एप्पल न्यूज, शिमला

पशु पालन और दुग्ध उत्पादन गतिविधियां प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। प्रदेश में ये रोज़गार का साधन और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं वाला क्षेत्र है।

डेयरी क्षेत्र को विस्तार प्रदान कर प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर हिमाचल को देश का समृद्ध राज्य बनाने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से दूध का खरीद मूल्य 6 रुपये बढ़ाने की घोषणा की है। यह निर्णय दुग्ध उत्पादकों की खुशहाली और समृद्धि की दिशा में सहायक सिद्ध होगा।

दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने और दुग्ध उत्पादन में पारदर्शिता लाने के लिए हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने इस वर्ष राज्य में 102 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट (एएमसीयू) में स्थापित किए हैं। प्रदेश में 455 स्वचालित मिल्क कलेक्शन यूनिट कार्यशील हैं।


इसके अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के अन्तर्गत अब तक 106 बल्क मिल्क कूलर लगाए जा चुके हैं। दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए सोसायटी स्तर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत 35 केन मीटर कूलर प्रदान किए गए हैं।
प्रदेश सरकार राज्य में सहकार को बढ़ावा प्रदान कर ग्रामीणों की उन्नति के द्वार खोल रही है। डेयरी क्षेत्र के विकास में सहकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर समितियों को संगठित किया जा रहा है। वर्तमान में इन समितियों की संख्या बढ़कर 1,107 हो गई है।
प्रदेश में श्वेत क्रांति की शुरूआत कर प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से महत्त्वाकांक्षी हिम गंगा योजना आरम्भ की है। योजना के तहत प्रथम चरण में लोगों को जागरूक करने के लिए समितियां गठित की गई हैं।

जिला हमीरपुर और कांगड़ा में 201 नई दुग्ध सहकारी सोसायटियों का गठन किया गया है। जिला हमीरपुर में 11 महिला सोसायटियां और जिला कांगड़ा में 8 महिला सोसायटियां गठित की गई हैं जो प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को इंगित करती हैं।

हमीरपुर जिला में 4 सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है। इन दुग्ध सहकारी सोसायटियों के माध्यम से 4064 किसानों को जोड़ा गया है।

डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है।
डेयरी फार्मिंग से जुड़े किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जिला कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक पूर्ण रूप से स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
इस परियोजना के प्रथम चरण में 180 करोड़ रुपये के निवेश से संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इस संयंत्र के स्थापित होने से दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, स्वादिष्ट दूध, खोया और मोजेरेला पनीर सहित विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र कुपोषण जैसी समस्याओं के समाधान में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग के लिए पंजीरी तैयार करने की गतिविधियों में विविधता लाई है।

दुग्ध प्रसंघ द्वारा फोर्टीफाइड पंजीरी, फोर्टीफाइड बेकरी बिस्कुट, फोर्टीफाइड गेहूं सेवियां और होल मिल्क पाऊडर उपलब्ध करवाया जा रहा है। सरकार की यह पहल प्रदेश के नौनिहालों के स्वस्थ्य और खुशहाल भविष्य की नींव रख रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में डेयरी क्षेत्र सहकारी मॉडल, पोषण, पशुधन देखभाल, रोजगार, स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

Share from A4appleNews:

Next Post

युवाओं को चिंता करनी ही हो तो किसी बड़े उद्देश्य के लिए करें- श्री श्री

Mon Jan 8 , 2024
एप्पल न्यूज, शिमला हम स्वयं के अनुभवों की एक स्मृति के द्वारा मन को एक ऐसी स्थिति में ले जा सकते हैं, जहां कोई चिंता नहीं है। यदि आप भविष्य को लेकर चिंतित हैं अथवा आपको लगता है कि भविष्य अंधकारमय या अनिश्चित है, तो मैं चाहूँगा कि आप पीछे […]

You May Like

Breaking News