एप्पल न्यूज, शिमला
शिमला नगर निगम द्वारा आगामी बजट की तैयारियों को लेकर की जा रही कवायद शहर के विकास के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है।
महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में वार्षिक बजट को लेकर गहन चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि जनता की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उनके सुझावों को भी बजट में शामिल किया जाएगा।
इस निर्णय से न केवल बजट को अधिक समावेशी और व्यावहारिक बनाया जा सकेगा, बल्कि नागरिकों की वास्तविक आवश्यकताओं को भी प्राथमिकता मिलेगी।
नगर निगम के प्राथमिक लक्ष्य और संभावित योजनाएँ
1. नगर निगम की आर्थिक आत्मनिर्भरता:
शहर के विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नगर निगम अपनी आय के साधनों को बढ़ाने पर विशेष जोर देगा।
निगम को अपने वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने के लिए वैकल्पिक उपाय तलाशने होंगे, ताकि भविष्य में इसे सरकार से अधिक अनुदान पर निर्भर न रहना पड़े।
2. पार्किंग समस्या का समाधान:
शिमला में पार्किंग की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। शहर में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन समुचित पार्किंग सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस बार के बजट में नए पार्किंग स्थलों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या को कम किया जा सके और पर्यटकों के लिए भी सुविधा बढ़े।
3. बुनियादी ढांचे में सुधार:
नगर निगम इस बजट के जरिए शहर में नई योजनाओं की सौगात देने जा रहा है। इसमें सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, ओपन जिम, शौचालयों और सामुदायिक केंद्रों के निर्माण व सुधार पर जोर दिया जाएगा।
इन बुनियादी सुविधाओं का विस्तार नागरिकों की जीवनशैली को बेहतर बनाएगा और शहर की स्वच्छता व्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगा।
4. नागरिकों की भागीदारी:
बजट को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, छोटे बच्चों और पार्षदों से सुझाव ले रहा है।
यह पहल दर्शाती है कि प्रशासन नागरिकों की जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। जनता से प्राप्त सुझावों के आधार पर ही अंतिम बजट तैयार किया जाएगा।
बजट को लेकर नागरिकों की उम्मीदें
पिछले वर्ष (2024-25) में नगर निगम ने 247.44 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें किसी प्रकार का नया कर नहीं लगाया गया था। चूंकि यह कांग्रेस शासित नगर निगम का दूसरा बजट होगा, इसलिए शहरवासियों की इस बजट से विशेष अपेक्षाएं हैं।
लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार सड़क, जल आपूर्ति, सफाई व्यवस्था और सार्वजनिक परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं में भी सुधार के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किए जाएंगे।
निगम प्रशासन के सामने चुनौतियाँ
- आर्थिक संतुलन बनाए रखना: नए राजस्व स्रोतों की तलाश करना और बिना अतिरिक्त कर लगाए नगर निगम की आय बढ़ाना एक चुनौती होगी।
- शहर की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए योजनाएँ बनाना: शिमला पर्यटन का प्रमुख केंद्र है और यहां जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे नगर निगम पर अतिरिक्त दबाव है।
- पर्यावरण संरक्षण: नगर निगम को शिमला की प्राकृतिक सुंदरता बनाए रखने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन और हरित क्षेत्रों के संरक्षण की दिशा में भी ठोस कदम उठाने होंगे।
नगर निगम शिमला का यह बजट शहर के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। इसमें न केवल बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर ध्यान दिया जाएगा, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।
यदि निगम जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप योजनाएँ लागू करने में सफल होता है, तो यह बजट शिमला के विकास को नई गति देने में सहायक साबित होगा।