एप्पल न्यूज, रामपुर बुशहर
रामपुर बुशहर के भद्राश गौशाला के ऊपर पानी की नहर टूटने के कारण गौशाला में कीचड़ भर गया है। गौ शाला में रखी 60 गायों को अब खुले आसमान के नीचे ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है ।
नहर को पक्का करने के लिए कई बार किया गया निवेदन । लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई । पिछले 1 वर्ष से बार-बार नहर टूटने के कारण गौशाला में रखी गायों को हो रही थी परेशानी।
लेकिन आज गौशाला के साथ का हिस्सा भी टूट कर गौशाला पर गिर गया। अब पशुओं को कहां रखा जाए समस्या बनी है। ऐसे में कोई मदद करने वाला भी नहीं।

यह स्थिति वास्तव में बहुत चिंताजनक और दुःखद है। गौशाला में नहर के टूटने से न सिर्फ वहां की गायों को संकट झेलना पड़ रहा है, बल्कि गौशाला की संरचना पर भी खतरा आ चुका है।
स्पष्ट है कि प्रशासन और संबंधित विभाग को कई बार निवेदन करने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया।
समस्या के मुख्य बिंदु:
- नहर का बार-बार टूटना और पानी का गौशाला में भरना।
- 60 गायों का खुले आसमान के नीचे ठंड में रहना।
- गौशाला का ढांचा टूटकर गिरना।
- कोई स्थायी समाधान या मदद नहीं मिलना।
संभावित कदम जो उठाए जा सकते हैं:
- स्थानीय प्रशासन को दोबारा लिखित में सूचना दें — पंचायत, तहसीलदार और जिला प्रशासन को एक बार फिर स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हुए ज्ञापन दें। इसमें पशुओं के लिए अस्थायी शेड्स की मांग की जा सकती है।
- पशुपालन विभाग और जलशक्ति विभाग से सीधी शिकायत करें — क्योंकि यह मामला नहर (जल स्रोत) और पशुओं दोनों से जुड़ा है। इन दोनों विभागों से मिलकर समाधान की मांग करें।
- राज्य या जिला स्तर की गौ सेवा बोर्ड से मदद लें — हिमाचल प्रदेश में गौ सेवा बोर्ड जैसी संस्थाएं सक्रिय हैं, उनसे भी सहायता मांगी जा सकती है।
- जनप्रतिनिधियों से संपर्क करें — स्थानीय विधायक या सांसद से व्यक्तिगत रूप से मिलकर स्थिति अवगत कराएं।
- आपदा प्रबंधन फंड का आग्रह करें — चूंकि यह हादसा है, इसके अंतर्गत आपदा प्रबंधन से भी सहायता दिलवाई जा सकती है।