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हिमाचल के इतिहास में पहली बार बजट आकार में कोई वृद्धि नहीं, नाकामी और झूठ से भरा है ये बजट- जयराम

केंद्र सरकार की योजनाओं के भरोसे ही बढ़ सकती है हिमाचल के विकास की गाड़ी

एप्पल न्यूज, शिमला

हिमाचल प्रदेश सरकार के बजट अनुमान 2025– 26 पर पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह बजट पूर्णतया निराशा से भरा और विजन से कोसों दूर है।

इस बजट में बुनियादी ढांचा के विकास के लिए कोई न कोई धनराशि है और नहीं प्रदेश सरकार कि किसी बड़ी योजना का कोई जिक्र है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब बजट के आकार में पूर्ण बजट के मुकाबले कोई वृद्धि नहीं हुई है।

जब भी बजट प्रस्तुत किया जाता है तो उसमें सरकार द्वारा सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और भविष्य की चुनौतियों पर बात की जाती है लेकिन वर्तमान बजट तथ्यों को छुपाने केंद्र सरकार की योजनाओं का श्रेय लेने के लिए जानी जाएगी।

जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी वर्ष के बजट में पुराने वर्ष के बजट के मुकाबले मात्र 71 करोड़ यानी 0.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

इसके साथ ही आधारभूत ढांचे के विकास के लिए सरकार द्वारा मात्र 24% की ही धनराशि खर्च की जाएगी। वर्ष 2018- 19 से 2022- 23 तक बजट में प्रति 100 रुपए पर विकास कार्यों पर खर्च क्रमशः 39 रुपए, 39 रुपए, 41.22रुपए, 43.94 रुपए और 38 रुपए रहे हैं।

लेकिन वर्तमान सरकार में विकास सहित अन्य कार्यों के लिए मात्र ₹24 रुपए रह गया है।बजट में सरकार के इसी रवैए से ही साफ है कि इस बार भी प्रदेश के विकास को प्राथमिकता नहीं मिली है। सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं की बात करें तो वह भी मुख्यमंत्री के बाकी दावों की तरह झूठी है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुल चार योजनाएं अपने और गांधी परिवार के नाम से शुरू की हैं। जिसमें से पहली इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना जिसके तहत सरकार ने मात्र डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

दूसरी योजना इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना इस योजना के तहत सरकार द्वारा मात्र 21 करोड़ 93 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। अब इस योजना में आयु की सीमा को 18 से बढ़ाकर 21 करने की साजिश की जा रही है।

तीसरी योजना की बात करें तो सरकार की सुखाश्रय योजना है जिसके तहत सरकार द्वारा 11 करोड़ 35 लख रुपए खर्च किए गए हैं। चौथी योजना राजीव गांधी स्टार्टअप योजना है जिसका लाभ देने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव से पहले ही प्रदेश की युवाओं से फॉर्म भी भरवा लिया था के तहत 2 करोड़ 91 लख रुपए खर्च हुए।

सभी योजनाओं पर कुल मिलाकर 37 करोड़ 70 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। सबसे बड़ी बातें है इन योजनाओं को शुरू करने से पहले सरकार द्वारा मदर टेरेसा मातृ संबल योजना बंद की गई, मिशन वात्सल्य से आने वाले केंद्र सरकार की धनराशि को भी डायवर्ट किया गया।

सबसे हैरानी की बात यह है कि सरकार द्वारा इन योजनाओं पर जितना पैसा लाभार्थियों पर खर्च किया है उससे ज्यादा पैसा इन योजनाओं के प्रचार प्रसार में खर्च किया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार से भरोसा उठ चुका है। सरकार सिर्फ झूठ बोलना जानती है। इस बार के बजट में भी हर तरीके से गोलमोल करके चीजों को प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। सरकार द्वारा अभी नहीं बताया गया कि पूरे बजट में केंद्र सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही है उन्हीं के द्वारा ही बस विकास के कार्य हो पाएंगे। प्रदेश के विकास के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है।

सरकार द्वार बहुत सारी घोषणाएं जो पहले बजट में की गई थी वह आज तक ज्यों की त्यों वहीं पड़ी हैं। उनका नाम लेने वाला भी कोई नहीं है। वर्तमान सरकार द्वारा प्रस्तुत किया है बजट हर प्रकार से निराशाजनक एवं आम आदमी की उम्मीद से कोसों दूर है।

इस बजट में न विजन है और नहीं वर्तमान में प्रदेश के विकास के लिए कोई रास्ता। भारतीय जनता पार्टी इस बजट को पूर्णतया विकास विरोधी निराशाजनक बजट मानती है।

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