एप्पल न्यूज, रामपुर बुशहर
पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिमाचल रत्न स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की चतुर्थ पुण्यतिथि (श्राद्ध) के अवसर पर मंगलवार को रामपुर बुशहर के ऐतिहासिक राज दरबार परिसर में भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजन विधि से की गई, जिसके पश्चात हजारों श्रद्धालुओं, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने ‘राजा साहब’ को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने वीरभद्र सिंह को “सांस्कृतिक संरक्षण के प्रतीक पुरुष” बताते हुए कहा कि उन्होंने धर्मांतरण के विरुद्ध कानून बनाकर हिमाचल की संस्कृति और आस्था की रक्षा की।

यह उनकी देवभूमि के प्रति गहरी निष्ठा को दर्शाता है और उन्हें एक सच्चे सांस्कृतिक संरक्षक के रूप में स्थापित करता है।
जननायक की याद में उमड़ा जनसैलाब
श्रद्धांजलि सभा में मंडियाली श्रद्धांजलि भोज, पारंपरिक सजावट और भजन संध्या जैसे आयोजन शामिल थे। इस मौके पर प्रदेशभर से लोगों ने पहुंचकर अपने प्रिय नेता को याद किया।
वीरभद्र सिंह के पुत्र और मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उनके पिता जनता के सच्चे सेवक थे और हिमाचल के समग्र विकास को अपना जीवन समर्पित किया।
राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियों की उपस्थिति
श्राद्ध कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उपाध्यक्ष विनय कुमार, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, आयुष मंत्री यादविंदर गोमा, विधायकगण, निगम अध्यक्ष, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह व अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
नाथपा झाकड़ी: हिमाचल को मिली विकास की धारा
वीरभद्र सिंह की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना रही, जिसे उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से उद्घाटित करवाया था।
आज यह परियोजना 1500 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है और हजारों लोगों को रोजगार दे रही है। यह परियोजना न केवल रामपुर बल्कि समूचे हिमाचल के लिए विकास की रीढ़ साबित हुई।
प्रेरणा स्रोत बना रहेगा उनका जीवन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खराब मौसम के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके, परंतु उनकी धर्मपत्नी और विधायक कमलेश ठाकुर ने रामपुर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
स्थानीय लोग आज भी वीरभद्र सिंह को ‘राजा साहब’ के नाम से स्मरण करते हैं। उनका व्यक्तित्व और कार्य आज भी जनमानस में जीवित है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।
राज्यपाल ने वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला जिला के रामपुर स्थित ऐतिहासिक पदम पैलेस, में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया।
राज्यपाल ने वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह एक प्रखर राजनेता, दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता और जनसेवा के प्रति समर्पित व्यक्त्वि थे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सर्वांगीण विकास में वीरभद्र सिंह का योगदान सदैव स्मरण रहेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि वीरभद्र सिंह ने हिमाचल की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने धर्मान्तरण पर रोक लगाने के लिए कानून बनाकर देवभूमि की पवित्रता और सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्धता का परिचय दिया। यह उनका राज्य के प्रति गहरे उत्तरदायित्व का प्रतीक था।
इस अवसर पर वीरभद्र सिंह के परिवारजन, गणमान्य व्यक्ति, स्थानीय नागरिक एवं अनेक शुभचिंतकों ने भी वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।






