मासिक मानदेय में ₹50,000 की बढ़ोतरी, सरकारी भत्ते ₹400 तक बढ़े
एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक उपक्रम यानी निगम–बोर्ड के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों का मासिक मानदेय ₹30,000 से बढ़ाकर ₹80,000 कर दिया है।
इसमें ₹50,000 की सीधी बढ़ोतरी की गई है। अन्य भत्तों सहित इन पदाधिकारियों को अब प्रतिमाह कुल ₹1.11 लाख प्राप्त होंगे।
सरकारी भत्ते में ₹400 की वृद्धि कर इसे ₹3,500 किया गया है। साथ ही आवास भत्ता ₹7,200 से बढ़ाकर ₹25,000 और वाहन भत्ता ₹2,500 प्रतिमाह निर्धारित किया गया है। टेलीफोन भत्ता पहले ₹3,800 था, जिसे अब ₹900 प्रतिमाह लिमिटेड कर दिया गया है।
बिना पद पर भी मिलते थे ₹35,000
पूर्व सरकार के कार्यकाल में इन पदों पर नियुक्त नहीं होने के बावजूद कुछ नेताओं को ₹35,000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता था। नियुक्ति के बाद उनके अन्य भत्ते भी तय होते थे।
अब नई सरकार ने सभी सुविधाओं को लेकर स्पष्ट नीति बनाई है, जिसके तहत तिथि विशेष से यह बढ़ोतरी प्रभावी होगी।

नई सरकार ने निगम–बोर्ड के राजनीतिक पदाधिकारियों के वेतन–भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है। विपक्ष इसे “सत्ता सुख” का फैसला बता रहा है, जबकि सरकार इसे “लंबे समय से लंबित आवश्यकता” के रूप में पेश कर रही है।
ऐसे बढ़ा मानदेय:
वर्ष मासिक मानदेय
1998 ₹5,000
2007 ₹10,000
2012 ₹15,000
2018 ₹30,000
2025 ₹80,000
विस्तृत भत्ते तालिका:
भत्ता पहले अब
मासिक मानदेय ₹30,000 ₹80,000
सरकारी भत्ता ₹3,100 ₹3,500
आवास भत्ता ₹7,200 ₹25,000
वाहन भत्ता ❌ ₹2,500
टेलीफोन भत्ता ₹3,800 ₹900 लिमिटेड
20 दिसंबर 2018: सरकारी भत्ता ₹3,100 तय हुआ था।
2013: सभी पदों पर नियुक्त व्यक्ति को दैनिक यात्रा भत्ता ₹250 (प्रदेश में) और ₹400 (बाहर राज्य में) लागू हुआ।
24 मार्च 2016: सरकारी आवास न मिलने पर ₹4000 मासिक किराया तय हुआ था।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान बोले – “लोग मुख्यमंत्री से मानदेय बढ़ाने को लगातार कह रहे थे, अब निर्णय किया गया है। यह 2018 के बाद पहली बढ़ोतरी है।”
भाजपा मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा बोले- “सरकार ने पहले खुद के सुख-सुविधा के लिए वेतन बढ़ाया है। जनता की हालत खराब है, लेकिन उनके लिए कोई राहत नहीं है।”






