एप्पल न्यूज, शिमला
हालांकि, 27 जुलाई को एक बार फिर तीन जिलों — कांगड़ा, मंडी और सिरमौर — में भारी वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बताया है कि इस दिन प्रदेश के बाकी सभी जिलों — ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला, सोलन, किन्नौर और लाहौल-स्पीति — में बारिश की संभावना नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने फिलहाल धीमी चाल पकड़ ली है। मौसम विभाग ने राज्य के लोगों के लिए राहत भरी खबर दी है। विभाग के अनुसार आगामी तीन दिन यानी 24, 25 और 26 जुलाई को प्रदेश के किसी भी हिस्से में बारिश नहीं होगी। इन तीन दिनों में पूरे राज्य में मौसम शुष्क रहेगा और लोगों को भारी वर्षा से राहत मिलेगी।
आपदा से अब तक 1382 करोड़ का नुकसान
लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश को अब तक 1382.16 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। यह आंकड़ा बुधवार शाम तक की स्थिति के अनुसार है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग तेज कर दी है। केंद्र से एक और टीम राज्य के दौरे पर आई है, जो आपदा से हुए नुकसान का आकलन कर रही है।
सैकड़ों सड़कें, बिजली-पानी की योजनाएं प्रभावित
आपदा के चलते प्रदेश में 344 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं, जिनमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-70) भी शामिल है। मंडी जिले में सबसे अधिक 232 सड़कें बंद हैं, जबकि कुल्लू में 71, कांगड़ा में 11, लाहौल-स्पीति में 15, चंबा में 4, सिरमौर में 4, सोलन में 2, शिमला में 2 और ऊना जिले में 3 सड़कें बंद हैं।
इसके अलावा बिजली की 169 ट्रांसफॉर्मर इकाइयां बंद हैं, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित है। 230 पेयजल योजनाएं भी बंद पड़ी हैं, जिससे लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है।
प्रशासन सतर्क, जनता से एहतियात बरतने की अपील
मौसम विभाग की भविष्यवाणी और मानसून की संभावित वापसी को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
विशेषकर कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में 27 जुलाई को भारी बारिश की आशंका के चलते स्थानीय प्रशासन को तैयार रहने को कहा गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है और सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जनता से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग के अलर्ट को गंभीरता से लें और अनावश्यक यात्रा से बचें।









