एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य के उन 100 सरकारी स्कूलों को डी-नोटिफाई करने की अधिसूचना जारी कर दी है, जिनमें सत्र 2025–26 के लिए एक भी छात्र दाखिल नहीं हुआ था।
इन स्कूलों में 72 प्राथमिक और 28 मिडल शामिल हैं। ये सभी विद्यालय शिक्षा सत्र की 21 अप्रैल 2025 तक की रिपोर्ट में ज़ीरो एनरोलमेंट श्रेणी में पाए गए थे।
इस कदम के तहत न केवल बंद स्कूलों पर कार्रवाई हो रही है, बल्कि सरकार ने 443 अन्य अत्यल्प नामांकन वाले स्कूलों को निकटवर्ती विद्यालयों में मर्ज करने का भी प्रस्ताव पारित किया है।
यह समेकन (रैशनलाइजेशन) नीति शिक्षा संसाधनों के कुशल उपयोग और गुणवत्ता सुधार की दृष्टि से लाई जा रही है।

शिक्षा विभाग के अनुसार, बंद किए गए स्कूलों से करीब 1,100 शिक्षक ‘सरप्लस’ घोषित किए गए हैं। इन्हें जल्द ही उन विद्यालयों में पुनः नियुक्त किया जाएगा जहां शिक्षकों की भारी कमी है। इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में सहायता मिलेगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय केवल शैक्षणिक दक्षता के आधार पर नहीं, बल्कि स्थानीय जनसंख्या घनत्व, भौगोलिक परिस्थिति और संसाधन वितरण जैसे कई कारकों को ध्यान में रखकर लिया गया है। इससे राज्य में स्कूलों का ढांचा ज्यादा प्रभावी और व्यावहारिक रूप ले सकेगा।
यह फैसला हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था में नीतिगत बदलावों का संकेत है, जहां कम नामांकन वाले स्कूलों के संसाधनों को समेटकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले केंद्रों को मज़बूत किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया आगे भी डेटा-आधारित विश्लेषण के आधार पर जारी रहेगी।






