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हिमाचल में बादल फटने का कहर, कुल्लू और मंडी में भारी तबाही, जनजीवन अस्त-व्यस्त

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एप्पल न्यूज़, कुल्लू/mandi

हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बरसात अब कहर बनकर टूट रही है। बीती रात कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने की ताज़ा घटनाओं ने तबाही मचा दी। अचानक आई आपदा से क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

मंडी में हालात

मंडी जिले के पनारसा, टकोली और नगवाईं क्षेत्र में बादल फटने से छोटे-बड़े नाले उफान पर आ गए।

कई वाहन मलबे और पानी के तेज बहाव में बह गए।

दर्जनों घरों में मलबा और पानी घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से यातायात ठप पड़ गया।

कुल्लू में तबाही

कुल्लू जिले के आनी और बंजार उपमंडल में बादल फटने जैसी स्थिति बनी।

कई घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गए।

खेतों और बगीचों को नुकसान पहुंचा।

ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।

स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। राहत व बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और पुलिस टीमों को तैनात किया गया है।

वहीं, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी है।

ग्रामीणों का कहना है कि अचानक आई आपदा से रातभर दहशत का माहौल बना रहा। लोग प्रशासन से राहत और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश इस बार के मानसून से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।

शनिवार शाम तक प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 311 सड़कें पूरी तरह से ठप पड़ी रहीं, जिससे कई क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति भी चरमरा गई है। प्रदेश में 348 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं जबकि 119 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं।

इस मानसून सीजन में अब तक राज्य को 2144 करोड़ 57 लाख रुपए की संपत्ति का नुकसान हो चुका है और 261 लोगों की जान जा चुकी है। सड़कों की स्थिति की बात करें तो मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां 175 सड़कें बंद हैं।

इसके अलावा कुल्लू में नेशनल हाइवे-1 सहित 63 सड़कें, कांगड़ा में 25, चंबा में 12, शिमला में 13, सिरमौर में 7, ऊना में 7, सोलन में 2, किन्नौर में एनएच-5 सहित 2, लाहौल-स्पीति में 4 और बिलासपुर में 1 सड़क अब भी बंद है।

हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं और घर, दुकानें तथा बगीचे भारी क्षति का शिकार हुए हैं। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी सप्ताह में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल हालात गंभीर बने हुए हैं।

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