एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई।
विपक्ष ने सत्र को स्थगित कर विधायकों को राहत-बचाव कार्यों के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में भेजने की मांग की।
इस दौरान दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी और शोरगुल बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
विपक्ष का आरोप – मुख्यमंत्री बिहार दौरे पर
भाजपा विधायक डॉ. हंसराज, डॉ. जनक राज और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि आपदा से प्रदेश तबाह है, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसे छोड़कर बिहार में राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल हो गए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मंडी, चंबा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में हालात बेहद गंभीर हैं, हजारों लोग मणिमहेश यात्रा में फंसे हुए हैं और भोजन की किल्लत झेल रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अब तक केंद्र से हेलीकॉप्टर की मांग तक नहीं की, जबकि प्रभावितों तक राशन और राहत पहुंचाने के लिए तुरंत एयरलिफ्ट की व्यवस्था होनी चाहिए थी।
चंबा और भरमौर के हालात गंभीर
विधायक डॉ. हंस राज ने कहा कि पांगी, भरमौर और चुराह जैसे जनजातीय इलाकों का मोबाइल नेटवर्क तक ठप है और वे तीन-चार दिन से अपने परिजनों से बात नहीं कर पाए हैं।

भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने भी कहा कि क्षेत्र का 72 घंटे से संपर्क टूटा हुआ है और हजारों वाहन फंसे हैं। डलहौजी के विधायक डीएस ठाकुर ने भी अपने क्षेत्र की गंभीर स्थिति का उल्लेख किया।
उप मुख्यमंत्री का पलटवार
विपक्ष के आरोपों पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जवाब देते हुए कहा कि आपदा को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों में पूरी तरह जुटी है।
चंबा सबसे ज्यादा प्रभावित है, लेकिन मुख्य सचिव उपायुक्तों के साथ लगातार संपर्क में हैं और हालात पर नजर रखी जा रही है। अग्निहोत्री ने बताया कि पठानकोट-चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
अध्यक्ष की अपील
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर सरकार उचित कदम उठाएगी।







