एप्पल न्यूज, शिमला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा (FEMA) 1999 के तहत शिमला और दिल्ली में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।
ईडी ने मानविंदर सिंह, उनकी पत्नी सागरी सिंह और दिल्ली स्थित इंपीरियल ग्रुप से जुड़े संस्थानों व व्यक्तियों के 6 परिसरों पर लगातार दो दिन तक दबिश दी।
इस दौरान ईडी को भारी मात्रा में नकदी और विदेशी मुद्रा समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज हाथ लगे हैं।
क्या-क्या मिला छापेमारी में
भारतीय मुद्रा में लगभग 50 लाख रुपये नकद (500 के नोटों में)
विदेशी मुद्रा
विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य
मानविंदर सिंह के नाम पर सिंगापुर, दुबई, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स और थाईलैंड में बैंक खाते, पासबुक सहित
विदेशों में अघोषित वित्तीय हित और संपत्तियां, जिनकी कुल कीमत 80 करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है
इसके अलावा 3 लॉकर भी फ्रीज किए गए हैं।

नालदेहरा प्रोजेक्ट पर भी छापा
सूत्रों के अनुसार, शिमला के नालदेहरा स्थित प्रोजेक्ट से ईडी को कैश ट्रांजैक्शन से जुड़े अहम सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि यह मामला और गहराई तक जा सकता है और आने वाले दिनों में बड़े खुलासे संभव हैं।
विदेशों में बेनामी निवेश
ईडी को शक है कि मानविंदर सिंह और उनकी पत्नी ने विदेशों में कई कंपनियों और संपत्तियों में बेनामी निवेश किया है। यह निवेश सिंगापुर, दुबई, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और थाईलैंड जैसे देशों में किया गया है।
पूछताछ और आगे की जांच
ईडी ने रविवार को मानविंदर सिंह, उनकी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के बयान दर्ज किए।
जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
एजेंसी पूरे प्रोजेक्ट के वित्तीय लेन-देन, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी निवेश के चैनलों की जांच कर रही है।
संभावित कार्रवाई
जांच एजेंसियों का मानना है कि आने वाले दिनों में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट से जुड़े संचालकों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सकता है। मामला गंभीर माना जा रहा है और इसकी गहन जांच जारी है।






