मस्जिद कमेटी का फैसले के खिलाफ अपील में जाने की बात कहने को बताया दोहरा चरित्र – देवभूमि संघर्ष समिति
एप्पल न्यूज, शिमला
संजौली मस्जिद विवाद मामले में शिमला जिला अदालत के फैसले पर हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति ने खुशी जाहिर की है। समिति ने जिला अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया है।
साथ ही समिति ने मस्ज़िद कमेटी के फैसले के खिलाफ अपील में जाने की बात को मुस्लिम पक्ष का दोहरा चरित्र बताया है।
समिति ने अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई तुरंत शुरू करने की मांग की है जिसके लिए शिमला नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा गया है।
देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि विवाद के दौरान संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध निर्माण तोड़ने की पेशकश की, लेकिन अब फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाने की बात कह रहे हैं।
भारत भूषण ने प्रदेश सरकार और शिमला पुलिस प्रशासन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन अब तक बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का पता नहीं लगा पाई है लेकिन अवैध अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है।

वहीं देवभूमि संघर्ष समिति के कानूनी सलाहकार जगतपाल ने कहा कि संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत की फैसले को बरकरार रखा है।
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने अपने 3 मई 2025 के फैसले में संजौली की पूरी मस्जिद को अवैध करार देते हुए 8 हफ्तों में इसे दगिरने के आदेश दिए थे जो जुलाई महीने में पूरा हो गया है।
जिला अदालत से फैसला आने के बाद मस्जिद पर अब कोई स्टे नहीं है ऐसे में नगर निगम को अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई तुरंत करनी चाहिए।







