IMG_20250414_113426
IMG_20250414_113426
previous arrow
next arrow

“नट सम्राट” नाटक का मंचन 6 और 7 अप्रैल को फिर गेयटी थिएटर में धमाल मचाने को तैयार

file_000000009ee061f79c7a6faba24452b9
file_00000000934c61f8b77af5384f2a351e
file_00000000a3d461f9a909a929a40f939d
file_0000000006c861fb9906286a4ab087a2
previous arrow
next arrow

एप्पल न्यूज़, शिमला

नटसम्राट नाटक सफल अभिनेता के रंगमंच से संन्यास के उपरांत जीवन की त्रासदी को उकेरता है। मूल रूप से मराठी नाटक नटसम्राट विष्णु वामन शिरवाडेकर ने लिखा है। प्रबंधक गेयटी ड्रामेटिक सोसायटी सुदर्शन शर्मा ने ये जानकारी दी।
नाटक कला में अपना सारा जीवन व्यतीत कर चुके गणपति राव बेलवरकर ने रंगमंच में अपने समर्पण और साधना से नटसम्राट की पदवी प्राप्त की।

समाज में रुतबे और संपन्नता के वक्त के उस पड़ाव पर गणपत राव ने अपना सब कुछ अपनों को देखकर रंगमंच से संन्यास के उपरांत अपने रक्त संबंधीओं के बीच समय गुजरने की इच्छाओं के चलते उनसे प्राप्त उदासीनता और वितृष्णा ने गणपत राव की भावनाओं को क्षीण बना दिया।

मंच की चकाचौंध रोशनियों में विभिन्न पात्रों को जीवंत करने वाला नट सम्राट गणपत राव अब अपने अंदर अपनों द्वारा छले गए एहसास की त्रासदी को महसूस कर रहा था जैसी त्रासदी हैमलेट ,ओथेलो, जूलियस सीज़र और किंग लियर के जीवन में आई थी ।

लेकिन गणपत राव सीजर की तरह दृढ़ता के भाव को प्रकट करते हुए ध्रुव तारे की तरह स्थिर है। एक तरफ गणपत राव अपनों द्वारा दिए गए शूलों से खिन्न है। और दूसरी तरफ और उसकी पत्नी की मृत्यु उसे और भी तोड़ कर रख देती है।

वह सबसे अलग एकाकी जिंदगी को गले लगाने के लिए सब कुछ त्याग कर निकल आता है जहां राजा से उसकी भेंट होती है राजा सड़कों पर बूट पॉलिश करता है किंतु गणपत राव के भावों को समझता है।

गणपत राव का झुकाव आत्मीयता के तौर पर राजा के प्रति रहता है और वह घर वालों के साथ जाने के लिए इंकार करता है किंतु नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था इन सब जद्दोजहद के बीच में गणपत राव अपना दम तोड़ देता है।
गोधूलि की बेला में नटसम्राट के अप्पा, गणपत राव बेलवारकर(परमेश शर्मा)गेयटी थिएटर में लोगों की अअनकही अनुभूतियों को स्पर्श करके यूं गुजर गए की नाटक की विषय वस्तु को कई वर्गों के दर्शकों ने अपने-अपने आयु के हिसाब से न केवल स्वीकृत किया बल्कि अपनी अंतर्मन की व्यथा को तालिया की गड़गड़ाहट में प्रदर्शित भी किया।

बहुत दिनों बाद गेयटी थिएटर शिमला में किसी नाटक के प्रस्तुति को दर्शक ने खड़े होकर तालिया की गड़गड़ाहट के साथ सरहा है।

यह नाटक की विषय वस्तु निर्देशक की प्रस्तुत कारण की परिपक्वता पर गहरी पकड़ और अभिनेताओं के अपने पत्रों को अपने अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत करने की कला को नाटक के लक्ष्य भेजने की बिंदु तक ले गए।

शिमला के ऐतिहासिक गेटी थिएटर में गेयटी ड्रैमेटिक सोसायटी की प्रस्तुति भूपेंद्र शर्मा के निर्देशन में प्रदर्शित की गई।

नाटक का प्रस्तुतीकरण सहज दिल को छूने वाला रहा सभी अभिनेताओं का अभिनय, प्रकाश व्यवस्था, संगीत मंच व्यवस्था, मत सजा ,वेशभूषा मुख सजा प्रस्तुतीकरण के अनुरूप था लेकिन प्रत्येक कला विधा की तरह नाट्य विधा में भी सदैव अपने आप को सिंचित कर विकास की ओर अग्रसर होने के अवसर रहेंगे।
गणपत राव की बीवी कावेरी की भूमिका रेखा तंवर ने अपने पात्र को सूक्ष्म भावों की अभिव्यक्ति के साथ जिया ।(नंदा बेटा )मोहित कुमार ,(शारदा बहू) कृतिका शर्मा, (नल्लू बेटी) रश्मि राणा,( सुधाकर दामाद) नीरज पराशर , ने नाटक को नाटक को चरमोत्कर्ष की ओर प्रवाहित करने में अपने अभिनय से आवेग पूर्ण धारा प्रदान की।

विट्ठओबा नौकर अनिल शर्मा ने अपने अभिनय के आधार पर दर्शकों को जहां खूब हंसाया वही लोगों की वहा वाही भी लूटी (आसाराम ब दर्शके एवं नौकर दो) पुनीत ,(राजा बूट पॉलिश वाला) रुपेश भीमटा ने ने अपने अभिनय की परिपक्वता का भरपूर परिचय दिया।

(दर्शन एक) अमित कुमार, मिस्टर कालवंकर सुरेंद्र गिल, श्रीमती कालवंकर सनम सोनू समता ने अपने अभिनय से नाटक को जीवंत बनाया
मंच के पीछे मंच के पीछे प्रकाश संयोजन अशोक नरवाल का रहा जबकि संगीत व धोनी रोहित कमल रूप सजा संजय सूद वेशभूषा पलक शर्मा सनम सोनू संता वैष्णवी ठाकुर मंच प्रबंधन वास सेट रुपीस भीमता नीरज पाराशर पोस्टर डिजाइन नरेश मिंचा टिकट विक्री लोकेश वंदना शांडिल पलक शर्मा पूरे नाटक के प्रभाव को दशकों तक पहुंचने में समन्वित भाव का प्रदान किया।
नाटक के निर्देशक भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि समाज में जो घटित होता है उसका आईना है नाटक वर्तमान में वर्चुअल दुनिया में गोते लगाता इंसान मानवीय संबंधों को भूलता जा रहा है।

मां-बाप जो जन्म देते हैं बच्चों को पाल-पोस्कर बड़ा करते हैं वृद्ध होने पर बच्चे उन्हें कूड़ा कर्कट समझ कर उनका तिरस्कार करते हैं।

नाटक नटसम्राट में ऐसे ही बूढ़ी दंपति की दारुल व्यथा को दर्शाया गया है। 6 और 7 अप्रैल को गेयटी थिएटर में गेयटी ड्रैमेटिक सोसायटी के अंतर्गत प्रदर्शित नाटक नटसम्राट में इन्हीं भावों की अभिव्यक्ति है।

Share from A4appleNews:

Next Post

IAS अधिकारी ADC चम्बा "सस्पेंड", दूसरे की जगह "पेपर" देते पकड़ा था, "CBI कोर्ट" से मिली है 3 साल "कैद"

Sat Apr 6 , 2024
एप्पल न्यूज़, शिमला हिमाचल कैडर में 2019 बैच के एक IAS अधिकारी नवीन तनवर को किसी दूसरे अभ्यर्थी की जगह बैंक की IBPS परीक्षा देते हुए पकड़े जाने और फिर दोषी पाए जाने पर सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। साल 2014 में आईबीपीएस क्लर्क की भर्ती परीक्षा में 2 […]

You May Like

Breaking News