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समग्र शिक्षा का बड़ा कदम, 171 विज्ञान प्रवक्ताओं को IIM सिरमौर से मिलेगा STEM प्रशिक्षण

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I IM में स्कूली प्रवक्ताओं को प्रशिक्षण देंगे  IIT मंडी, दिल्ली और रुड़की के एक्सपर्ट 
 
एप्पल न्यूज, शिमला
हिमाचल प्रदेश के स्कूली बच्चों में नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समस्या समाधान क्षमता विकसित करने के लिए समग्र शिक्षा ने STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए समग्र शिक्षा अपने विज्ञान प्रवक्ताओं (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और गणित) को IIM सिरमौर में विशेष प्रशिक्षण देने जा रहा है। इस प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के 171 स्कूल  प्रवक्ताओं का चयन किया गया है।
 
IIM सिरमौर में यह प्रशिक्षण IIT मंडी, IIT दिल्ली और IIT रुड़की के विशेषज्ञों के सहयोग से दिया जाएगा। इसका उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक तकनीक और शिक्षण विधियों में दक्ष बनाना है, ताकि वे छात्रों को भी इन नवाचारों से परिचित करा सकें। IIM में शिक्षकों को यह प्रशिक्षण तीन चरणों में मिलेगा।

पहला बैच 11 से 15 नवंबर , दूसरा बैच 25 से 29 नवंबर 5 और तीसरा बैच 27 से 31 जनवरी 2026 तक प्रशिक्षित होंगे।

शिक्षकों को अटल टिंकरिंग लैब (ATL), रोबोटिक्स किट्स, ड्रोन, कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों के प्रभावी उपयोग के साथ-साथ ऐसी शिक्षण पद्धतियों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिनमें छात्र स्वयं सोचें, खोज करें और प्रयोगों के माध्यम से सीखें।

इसके साथ ही सीमित संसाधनों के बावजूद कक्षा शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बनाने के तरीके भी सिखाए जाएंगे।
  

छात्रों को नवाचार और व्यावहारिक सीखने के अवसर
प्रशिक्षित शिक्षक छात्रों को रोबोटिक्स, ड्रोन संचालन, AI, कोडिंग और प्रयोगात्मक परियोजनाओं के माध्यम से सृजनात्मक और व्यावहारिक सीखने का अवसर देंगे।

STEM प्रोजेक्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और 21वीं सदी के कौशल—रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, सहयोग, संगणनात्मक चिंतन और संचार—पर विशेष जोर देता है।

इन कौशलों के माध्यम से छात्र न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम होंगे, बल्कि भविष्य की तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार होंगे।
बता दें कि समग्र शिक्षा इससे पहले लगभग 200 स्कूल प्रिंसिपल, हेड मास्टर और क्लस्टर शिक्षकों को IIM के माध्यम से प्रबंधन और नेतृत्व प्रशिक्षण दे चुका है।

अब STEM प्रशिक्षण उसी प्रयास को आगे बढ़ा रहा है और शिक्षकों को आधुनिक तकनीक और शिक्षण पद्धतियों में दक्ष बनाकर शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
 

शिक्षकों की दक्षता व छात्रों की वैज्ञानिक क्षमता बढ़ाने में मददगार होगा : राजेश शर्मा 


STEM प्रशिक्षण से प्रशिक्षित शिक्षक छात्रों में नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समस्या समाधान क्षमता को बढ़ावा देंगे। यह पहल गुणवत्तापूर्ण विज्ञान शिक्षा को सुदृढ़ करने, शिक्षकों की पेशेवर दक्षता बढ़ाने और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार की भावना विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 

समग्र शिक्षा राजेश शर्मा ने कहा कि STEM प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों को आधुनिक तकनीक और नई शिक्षण पद्धतियों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे छात्रों में नवाचार और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित कर सकें।

उन्होंने कहा कि यह पहल शिक्षकों की पेशेवर दक्षता बढ़ाने और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समस्या समाधान क्षमता विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस प्रयास से हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

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