एप्पल न्यूज़, शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के भीतर और अन्य राज्यों में फंसे हिमाचलवासियों से आग्रह किया है कि वे जहां हैं, वहीं बने रहें, क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत अन्तरराज्यीय और राज्य के अन्दर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है।
मुख्यमंत्री ने आज उपायुक्तों के साथ वीडियो काॅंफ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले और राज्य के बाहर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जाए। जो लोग पहले ही राज्य में प्रवेश कर चुके हैं उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थ्तापित क्वारन्टिन केन्द्रों में रखा जाए। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जो लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं उनके लिए भोजन और ठहरने की उचित व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित बनाए कि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रूप से बनी रहे। उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों की सुविधा के लिए स्कूलों और डाइट भवनों में बनाए गए कैम्पों में स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।
जय राम ठाकुर ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे फंसे हुए लोगों को उसी स्थान पर बने रहने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन लोगों की हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर से और प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले में आए लोगों की पहचान करने के कार्य में पंचायती राज संस्थानों की सहायता ली जाए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और चण्डीगढ़ में फंसे हिमाचलवासियों की सुविधा के लिए नई दिल्ली और चण्डीगढ़ स्थित हिमाचल भवनों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। हिमाचल भवनों में इन लोगों को भोजन और ठहरने की सुविधा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जायेंगे।
मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने उपायुक्तों से कहा कि लोगों के एक जिले से दूसरे जिले और बाहरी राज्यों से निर्गमन पर पूर्ण रोक लगाई जाए। इसके अतिरिक्त श्रमिकों और अन्य राज्यों के कर्मियों को भी प्रदेश के बाहर जाने के लिए नहीं कहा जाए और उन्हें शिविरों में ही रखा जाए।
पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने कहा कि किसी भी अन्य राज्य से लोगों को लेकर आने वाले वाहनों को हिमाचल प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार और आर.डी. धीमान तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन भी बैठक में शामिल थे।