दीपिका शर्मा, एप्पल न्यूज़ शिमला
कोरोना के बीच आपने यदि घर पर अपनी जीवनशैली बिगाड़ी तो आपके मानसिक सन्तुलन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। आईजीएमसी के मनोविभाग के अध्यक्ष डॉ दिनेश दत्त का कहना है कि इस समय लोगों के उठने खाने पीने सोने का समय बिगड़ गया है इसलिए ज़रूरी है कि अपनाई लाइफ स्टाइल न बिगाड़े। घर पर ज्यादा देर टीवी न देखें। सिर्फ जानकारी ले। ऐसा करने से दिमाग पर गलत असर नहीं पड़ेगा। वहीं अपने पुराने दोस्तों को भी लोग याद कर सकते हैं। मेंटल बेलेंस बिगड़ने से दिल की धड़कने बढ़ सकती है। वहीं वजन भी काफी बढ़ सकता है। जिससे दिल संबधित रोग हो सकते है। तेल युक्त भोजन ज्यादा करने से भी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।
डॉक्टर ने कहा कि सरकार की कर्फ्यू में छूट का नाजायज़ फायदा यदि जनता उठाती है तो इसका काफी बुरा असर उन पड़ सकता है। वायरस की एक चेन होती है जिसे हिमाचल में अच्छी तरह से तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है की किसी के शरीर में इसका असर मात्र सर्दी जुकाम के सामान्य लक्षणो की तरह हो लेकिन यदि वह सोशल डिस्टेंस नहीं रखता है और जुकाम के लक्षण दिखने के बाद भी अपने परिवार के संपर्क में रहकर घर से बाहर निकलता रहता है तो वह गलत है। ऐसे में ये जरूरी है कि घर पर प्राणायाम करे डॉक्टर कहते हैं कि ये एक नया वायरस है किसकी बॉडी में ये क्या रिएक्ट करता है अभी पता नहीं है लेकिन इसके लिए एक बात जरूर पक्की है कि यदि वायरस को दूसरी बॉडी ही नहीं मिलेगी तो वह पनप नहीं पायेगा। इसलिए जरूरी है की अपना हाथ अपने मुंह पर न लगाए। डॉक्टर का कहना है कि वायरस को लेकर गंभीरता जरूरी है क्योंकि यदि आदमी ये सोचे की उसे ये नहीं हो सकता है ये गलत है। भले ही उस वायरस का उस पर कोई फर्क न पड़े लेकिन उसकी वजह से इस वायरस का प्रभाव उसके परिवार के किसी भी सदस्य पर नहीं पड़ना चाहिये।लोगो को घर पर सुरक्षित तौर पर इसका पालन करना चाहिए।