एप्पल न्यूज़, जुब्बल कोटखाई
जहां वैश्विक महामारी के चलते सरकार ने विकासात्मक कार्यो के लिए बजट पर रोक लगा दी वहीं जुब्बल कोटखाई के वर्तमान विधायक पूर्व कांग्रेस सरकार के समय खोली गई पीएचसी देवरी-खनेटी को लेकर ₹45 लाख की राशि स्वीकृत करने बारें झूठा प्रचार कर श्रेय की राजनीति कर रहें हैं।
यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल नावर कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत पराली राजेन्दर बेक्टा व पूर्व उप प्रधान अमर चंद चौहान, पूर्व प्रधान ग्राम पंचायत देवरी-खनेटी ओम प्रकाश चन्द्रा व पूर्व उप प्रधान कामेश्वर सौफरा, प्रधान ग्राम पंचायत पराली पुष्पा कंवर , पूर्व पंचायत समिति सदस्या द्रौपती मोख्टा, राजिन्दर मैहता,यशवंत लेटका, अनिल मोख्टा, सोशल मीडिया प्रभारी प्रमोद लेटका व प्रशांत नाक्टा, , निखिल केस्टा, निखिल सौंटा, अखिल शर्मा आदि ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार के तीन वित्तीय बजट बीत चुके हैं, ऐसे में खनेटी क्षेत्र को एक नई योजना तक नसीब नही हो पाई।
वर्तमान विधायक पूर्व कांग्रेस सरकार के समय स्वीकृत बजट व योजनाओं के बारें में झूठा श्रेय ले रहें हैं। उन्होंने वर्तमान विधायक को चुनौती दी हैं कि वे ढाई वर्षो के कार्यकाल में स्वीकृत योजनाओं के बारें में सरकार से श्वेत पत्र ज़ारी करें जिससे सच्चाई जनता के बीच आ जायेगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के अथक प्रयासों से जुब्बल नावर कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में देवरी-खनेटी सहित सर्वाधिक 10 पीएचसी केंद्र खोले गए थे। देवरी-खनेटी पीएचसी के भवन निर्माण के लिए ₹60 लाख रुपये की वितीय अनुमोदन व प्रशासनिक स्वीकृति दिलाई गई थी और तत्कालीन कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर व तत्कालीन विधायक रोहित ठाकुर के कर कमलों द्वारा दिसम्बर,2016 में शिलान्यास भी किया गया था।
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व पूर्व विधायक रोहित ठाकुर के प्रयासों से थरोला पंचायत में पीएचसी खोला गया था तथा पद भी सृजित किए गए थे लेक़िन श्रेय लेने की होड़ में वर्तमान विधायक द्वारा एक सच को छुपाने के लिए बार-2 झूठ बोलना पड़ रहा हैं। ढाई वर्षो तक वर्तमान विधायक ने पीएचसी देवरी खनेटी के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा बजट स्वीकृत होने के बावजूद निर्माण कार्य रोकें रखा तथा इसी तरह से कई स्वीकृत स्वास्थ्य संस्थानों के भवन निर्माण के टेन्डर होने के बाद भी अपनी संकीर्ण मानसिकता को दिखाते हुए कार्य को ठंडे बस्ते में डाल दिया और अब श्रेय लेने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि विधायक कोरोना महामारी के दौर में स्वास्थ्य संस्थानो में रिक्त पड़े पदों को भरने के बारें में पहल करते जबकिं वो जनता के बीच बढ़ते आक्रोश और खिसकती राजनैतिक पृष्ठभूमि को बचाने के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार के समय स्वीकृत योजनाओं का सहारा लेकर राजनीति चमका रहे हैं। राजनैतिक दवाब से विधायक द्वारा ठेकेदारों और मंदिरों से कोरोना के नाम पर धन की उगाही की जा रही हैं जबकि इसी धन से कथित स्वास्थ्य घोटाले के चलते इनके आला नेता और निदेशक स्तर के अधिकारियों ने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देकर प्रदेश को शर्मसार किया हैं।