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गुम्मा-बाघी सड़क प्रशासन की अनदेखी से गड्डों में तब्दील, सेब सीज़न से पूर्व सुध ले सरकार

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एप्पल न्यूज़, जुब्बल कोटखाई

सेब बाहुल्य उबादेश क्षेत्र की 9 पंचायतों को जोड़ने वाली प्रमुख 30 किलोमीटर लंबी गुम्मा-बाघी सड़क प्रशासन की अनदेखी व अवैज्ञानिक तरीक़े से किए गए कार्य व रखरखाव के चलते गड्ढो में तब्दील हो चुकी हैं जिससे अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल हैं कि गड्ढो में सड़क हैं या सड़क में गड्ढे हैं।

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यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल नावर कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, लायक राम औस्टा, प्रेम ठाकुर, मेघराज धांगटा, विक्रम कंवर, विक्रांत जनारथा, नरेन्दर डोगरा, विजय चौहान, रिंकू राजटा, कृष डोगरा, मोहिंदर सरमैइक, भूषण रोहटा,दीक्षित भारद्वाज व अतुल चौहान ने जारी संयुक्त बयान में कही। उन्होंने कहा कि सड़क की स्थिति बदतर होने से सड़कों में वाहन चलाना एक चुनौती बन गई हैं जिससे आम जनता के साथ-2 मरीजों को ख़ासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

लगभग दस वर्ष पूर्व गुम्मा से खलटूनाला तक प्रथम चरण में केंद्रीय सड़क योजना के तहत पूर्व कांग्रेस सरकार के प्रयासों से सड़क को स्तरोन्नत व पक्का करने का कार्य प्रारम्भ हो चुका था । कोठी नामक स्थान पर भूस्खलन से सड़क धस गई थी पर जल्दबाज़ी व अवैज्ञानिक तरीक़े से वैली ब्रिज का निर्माण किया गया और वैली ब्रिज के निर्माण के तुरंत पश्चात नींव में लगी दीवार भी गिर गई । अब सेब सीजन में भारी वाहनों के चलने से बहुत बड़ी दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ हैं।

खलटूनाला से कलबोग के बीच दूसरे चरण के सड़क निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क योजना के तहत ₹11 करोड रुपये पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर के अथक प्रयासों से स्वीकृत हुए थे और सड़क निर्माण कार्य भी जोरों पर चल रहा था। जबसे भारतीय भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई हैं, भाजपा सरकार के कार्यकाल के ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण कार्य कछुआ चाल से चल रहा हैं।

कलबोग से बाघी के बीच तीसरे चरण के सड़क निर्माण के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार के द्वारा लगभग 13 करोड़ रुपए की डीपीआर पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृति के लिए केन्द्रीय सरकार को भेजी गई थी, जो अभी तक खटाई में पड़ी हुई हैं।

भाजपा सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल के बीत जाने व तृतीय बजट बीतने के बाद भी इस क्षेत्र के तहत CRF के तहत इस क्षेत्र को एक फूटी कौड़ी तक नही मिली हैं, जो भाजपा सरकार की जिला शिमला के प्रति भेदभाव व द्वेषपूर्ण की भावना को दर्शाता हैं। उल्लेखनीय हैं कि पूर्व के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में केन्द्रीय सड़क निधि (CRF) के तहत जिला शिमला के लिए सर्वाधिक स्वीकृति मिली थी।

9 पंचायतों के बागवानों की नकदी फसल सेब इसी मार्ग से गुजरती हैं। जनता पहले ही कोरोना महामारी के चलते भारी आर्थिक नुकसान उठा चुकी हैं। सेब सीज़न को मात्र 15 दिन शेष हैं साथ ही बरसात का मौसम भी आने वाला हैं, यदि समय रहते सड़क को सुधारने के लिए कड़े कदम नही उठाए गए तो जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं ।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी क्षेत्रवाद की राजनीति करती आई है जिसका खमियाज़ा उबादेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। मोतीलाल डेरटा ने तहसीलदार कोटखाई के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा ।

ब्लॉक कांग्रेस कांग्रेस ने बीजेपी को चेतावनी दी हैं कि यदि कोठी में अवैज्ञानिक रूप से बने वैली ब्रिज व गुम्मा-बाघी सड़क को दुरुस्त नहीं किया तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिलकर आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगी।

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