शर्मा जी, एप्पल न्यूज़ रामपुर बुशहर
रामपुर बुशहर के सर्वहितकारी व्यापार मंडल की शिकायत लेकर पहुंचे पुराने व्यापार मंडल को एसडीएम रामपुर बुशहर सुरेंद्र मोहन ने खूब लताड़ लगाई।
हुआ यूं कि नए व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने पुराने व्यापार मंडल द्वारा सर्वहितकारी व्यापार मंडल के नाम से छापी गई पर्चियां बाजार में पकड़ी। जबकि दूसरों के नाम से पर्चियां छापना क़ानूनन जुर्म है। इस बात पर दोनों संगठनों में नोक झौंक भी हुई।

मामला पुलिस तक पहुंचा जब कार्रवाई न हुई तो बौखलाहट में पुराना संगठन मंगलवार को शक्तिप्रदर्शन करते हुए बड़ी तादाद में एसडीएम के पास उनकी शिकायत लेकर पहुंच गया।
मामला समझते एसडीएम को देर न लगी और मात्र पदाधिकारियों को ही बातचीत के लिए बुलाया। जब पर्चियां फाड़ने की शिकायत करने लगे तो एसडीएम ने उन्हें खूब लताड़ा और कानून का पाठ पढ़ाया। दशकों से व्यापार करने वाले व्यवसायी बिना पंजीकरण के ही कैसे संस्था चला रहे है। इस पर एसडीएम ने साफ हिदायत दी कि या तो वे अपना व्यापार मण्डल पंजीकृत करें या फिर नए व्यापार मंडल का सदस्य बनें तभी दूसरों की शिकायत लेकर आएं।
एसडीएम ने पुराने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि बिना पंजीकरण के न तो वे पर्चियां काट सकते हैं और न ही सदस्यता के नाम पर किसी के फॉर्म भरवा सकते हैं। यदि किसी बे नए व्यापार मंडल के पास सदस्यता ली है और सदस्यता वापस लेना चाहते हैं तो लिखित में पदाधिकारियों के पास दें, इन तरह पर्चियां छापकर सदस्यता न ली जाती है ना छोड़ी जाती है।

उन्होंने अपनी तरफ से सुझाव दिया कि व्यापारियों के इस झगड़े को मिल बैठकर सुलझा लिया जाए इसके लिए चाहें तो वे मध्यस्थता कर सकते हैं। दोनों संगठनों के 5-5 लोग आकर मसले पर चर्चा कर सकते हैं लेकिन पुराने संगठन के लोगों में इस बात पर भी सहमति नहीं बन पाई जो खुद को युवााओं के हाथों ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने नए संगठन पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव के नाम पर उनके हस्ताक्षर लिए थे जबकि फॉर्म में सदस्यता और 3 साल की कार्यकारिणी पर सहमति का जिक्र स्पष्ट लिखा था। इस पर एसडीएम ने कहा कि जो दशकों से व्यापार कर रहे हैं, पढ़े लिखे हैं वह ठगे जाने की बात कर रहे हैं।
गौर हो कि बिना पंजीकरण के 45 साल से चल रहे पुराने व्यापार मंडल को शहर के युवाओं द्वारा बनाया गया सर्वहितकारी व्यापार मंडल का गठन फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। जिस कारण तिलमिलाए पुराने पदाधिकारी आज भी खुद को शहर के व्यापारियों का हितेषी मान रहे हैं लेकिन वह भूल गए कि नियमानुसार किसी भी सँगठन या संस्था को पंजीकृत किया जाना कानूनन बेहद जरूरी होता है। फिर भी 45 साल से पंजीकरण के बिना कैसे कार्य करते रहे ये किसी की समझ नहीं आ रहा है।
पुराने व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमण्डल में अध्यक्ष हरीश गुप्ता, कैशियर दीपक गुप्ता, बृजेश गोयल, श्याम लाल गुप्ता, पंकज बराड़, करण शर्मा और सुनील बस्सी सहित अन्य व्यापारी मौजूद थे।