एप्पल न्यूज़, शिमला
कोरोना काल में जब देश की अर्थव्यवस्था ओंधे मुँह गिरी हुई है। इस बीच केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर किसानों के ख़िलाफ़ क़ानून लाया। पूंजीपतियों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए इस कानून को संसद में चर्चा किए बैग़ैर पारित कर दिया। कांग्रेस सरकारों ने \”जय जवान जय किसान\” का नारा देते हुए किसानों के हितों के लिए काम किया। लेकिन अब किसानों के हितों को दरकिनार कर उनको बर्बाद करने के कानून लाए जा रहे है।
ये आरोप कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में लगाए। उन्होंने कहा कि काले कानून से किसान आक्रोश में सड़कों पर है। कांग्रेस किसानों के साथ है। कोरोना काल मे जीडीपी निम्नतम स्तर पर पहुँच गयी थी परन्तु खेती में बढोतरी हुई।
जब ये अध्यादेश आया सत्र चल रहा था। इस पर चर्चा नही की गई। राज्यसभा में बिना वोटिंग के पास किया गया। इस क़ानून से APMC को खत्म।किया गया है। इंदिरा के समय मे हरित क्रान्ति आयी और किसान समृद्ध हुआ। इससे कानून से जमाखोरी बढ़ेगी। बड़े बड़े उद्योगपति मण्डिया स्थापति करेंगे और मनचाहे दाम निश्चित करेंगे और किसान बेबस हो जाएंगे।
कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत असली मालिक पूंजीपति वर्ग होगा। जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध कर रही है। कांग्रेस इस बिल के विरोध में किसानो के साथ खड़ी है। राठौर ने कहा कि हिमाचल में बिहार के बाद सबसे ज्यादा पैदा की जाती है। मक्की पर न्यूनतम समर्थंमूल्य 1800 है लेकिन इस बार आठ सौ रुपये प्रति क्विंटल खरीदी गई है।
अटल रोहतांग टनल में बीजेपी का कोई योगदान नही है और बीजेपी कह रही है कि इसका शिलान्यास अटल विहारी ने किया। उन्होंने बताया की इसका शिलान्यास सोनिया ने किया था लेकिन अब शिलान्यास पटिका को हटा दिया गया है। बीजेपी पूरे देश मे इतिहास को बदलने में लगी है। उन्होंने कहा कि इस पर कांग्रेस चुप बैठने वाली नही है।
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और इस शिलान्यास पटिका को हटाने की निन्दा की है और इसे पन्द्रह दिनों में पुनर्स्थापित करने की मांग की है। अगर सरकार व प्रशासन ऐसा नही करता है तो कांग्रेस ने इसके खिलाफ़ आंदोलन करेगी जिसका स्वरूप कुछ भी हो सकता है।