IMG_20220716_192620
IMG_20220716_192620
previous arrow
next arrow

ऊना में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्धः मुख्यमंत्री

एप्पल न्यूज़ शिमला

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां बिजली और पानी न्यूनतम दरों पर उपलब्ध है, औद्योगिक गैस पाईप लाईन की सुविधा है तथा ऊना जिला में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना प्रस्तावित है जिसके कारण राज्य फार्मा क्षेत्र में निवेश के लिए पसंदीदा स्थल है। वह आज यहां से बल्क ड्रग पार्क पर फार्मा उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में व्यवसाय में सुगमता में सातवें स्थान पर, मानव विकास सूचकांक में देश में तीसरे जबकि उत्तरी राज्यों में पहले स्थान पर आंका गया है। हिमाचल में एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है, जहां भारत का 49 प्रतिशत दवा निरूपण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ एवं हरित जल विद्युत, शुद्ध वायु, रेल और सड़क सम्पर्क आदि सुविधाएं प्रदेश के ऊना जिला में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए बेहतर संभावनाएं प्रस्तुत करती हैं।

उन्होंने प्रदेश के विकास में सहयोग के लिए फार्मास्यूटिकल उद्योग की बड़ी कम्पनियों से प्रदेश में निवेश के लिए निमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों को कई प्रोत्साहन दे रही है, जिनमें एकल खिड़की स्वीकृति प्रणाली और 11 लाइन विभागों की 37 सेवाओं के एकीकरण के साथ आॅनलाइन स्वीकृतियों की सुविधा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि समर्पित नोडल अधिकारी 50 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाली परियोजनाओं के लिए औद्योगिक इकाइयों को समयबद्ध स्वीकृतियां सुनिश्चित बना रहे हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत को सफल बनाने के लिए भरसक प्रयत्न कर रही है और देश में तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित करना इस दिशा में एक ठोस पहल है। हिमाचल सरकार ने भी ऊना जिला में बल्क ड्रग पार्क विकसित करने का प्रस्ताव भेजा है, जिससे राज्य में फार्मा गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा। बल्क ड्रग पार्क विकसित करने के लिए 1000 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इससे न केवल राज्य की आर्थिकी मजबूत होगी बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित पार्क के लिए 1400 एकड़ भूमि का चयन किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष नवम्बर माह में धर्मशाला में पहला वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजित किया ताकि राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। दिसम्बर, 2019 में 13000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश की परियोजनाओं की पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया और दस हजार करोड़ रुपये निवेश की परियोजनाओं का ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह शीघ्र आयोजित किया जाएगा।

जय राम ठाकुर ने फार्मा उद्योगों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनके सभी सुझावों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह ने राज्य में बल्क ड्रग पार्क स्थापित होने से मिलने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उद्यमियों को प्रदान किए जा रहे प्रोत्साहनों के संबंध में भी प्रस्तुति दी।

बल्क ड्रग मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बी.आर. सिकरी, साइडस कैडिला के अध्यक्ष और एमडी पंकज पटेल, ग्लोबल एपीआई बिजनेस डाॅ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सीईओ दीपक सापरा, सीईओ ग्लोबल एपीआई बिजनेस, सन फार्मा अनिल कुमार जैन, संस्थापक और सीईओ लौरस लैब्स डाॅ. सत्यनारायण चाबा ने भी वेबिनार में हिस्सा लेकर अपने विचार साझा किए।

आयुक्त एव निदेशक उद्योगे हंसराज ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर वेबिनार में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। एचपीएसआईडीसी के उपाध्यक्ष प्रो. राम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा विशेष सचिव उद्योग अबिद हुसैन सादिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शिमला में उपस्थित थे।

Share from A4appleNews:

Next Post

धारा 370 का निराकरण: नियति के साथ वास्तविक साक्षात्कार

Fri Oct 30 , 2020
एप्पल न्यूज़ शिमला ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में सीधे क्रॉउन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के साथ–साथ 565 रियासतों का एक समूह भी शामिल था जो क्राउन संपत्ति का हिस्सा नहीं होने के बावजूद सहायक गठबंधनों की एक प्रणाली में बंधा था। रियासतों का अपने आंतरिक मामलों पर नियंत्रण था। लेकिन रक्षा और विदेश मामलों पर नियंत्रण ब्रिटिश सरकार के हाथों में भारत के वायसराय के तहत था। इसके अलावा फ्रांस और पुर्तगाल द्वारा नियंत्रित कई औपनिवेशिक परिक्षेत्र थे। भारत सरकार अधिनियम 1935 ने अंगीकार पत्र की अवधारणा प्रस्तुत की जिसमें एक रियासत का शासक अपने राज्य को “भारत संघ” में शामिल कर सकता था। मई 1947 से लेकर 15 अगस्त 1947 को सत्ता के हस्तांतरण के दौरान अधिकतर राज्यों ने अंगीकार पत्र पर हस्ताक्षर किए और इस प्रकार वे सभी भारत के संघ में शामिल हो गए। इन रियासतों के भारत में शामिल होने की प्रक्रिया अपने आप में एक दास्तान है और इसे मूर्त रूप देने के लिए सरदार पटेल जैसे कद्दावर राजनेता की आवश्यकता थी । किंतु, जम्मू और कश्मीर राज्य ने पूरी तरह से अलग तरह की चुनौती पेश की। सत्ता हस्तांतरण के समय, जम्मू-कश्मीर राज्य पर महाराजा हरि सिंह का शासन था, जिन्होंने स्वतंत्र रहने के अपने इरादे की घोषणा कर दी थी। इससे पाकिस्तान को छद्म युद्ध शुरू करने का अवसर मिला। इन छद्म आदिवासी परदे के कारण जमकर तबाही हुई जिसके परिणामस्वरूप […]

You May Like

Breaking News