एप्पल न्यूज़, शिमला
रामपुर बुशहर में आज फर्जी और संदिग्ध वोटरों को सूची से बाहर करने के लिए छंटनी की जाएगी। बीएलओ की अध्यक्षता में कमेटी आए हुए सुझावों और आपत्तियों पर एक एक कर विचार विमर्श के बाद अंतिम सूची का प्रकाशन करेगी।
इस बार नगर परिषद का विस्तार होने के साथ ही कुछ वार्डों को मर्ज किए गए है। ऐसे में मतदाता सूची नए सिरे से तैयार की जानी थी। जिसके लिये आवश्यकता थी कि टीम घर घर जाकर वेरिफाई कर मतदाताओं को जोड़े और सन्दिग्ध व फर्जी वोटरों को बाहर करे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और फाइलों से ही घटजोड किया गया।
आलम ये है कि जारी सूची में दर्जनों मृतकों के नाम भी शामिल हैं तो 10-10 साल पहले घरों को छोड़ चुके किराएदार भी यथावत हैं। यही नहीं खंडहर में तब्दील हो चुके असुरक्षित भवनों में भी दर्जनों लोग दर्शाए गए हैं जबकि वहां कोई नहीं रहता। इतना ही नहीं सड़कों पर रेहड़ी फड़ी लगाने वालों के भी वोट बनाए गए हैं जबकि वह सतलुज पर जिला कुल्लु में निवास कर रहे हैं। कई दुकानदारों ने अपने कर्मचारी बताकर भी दर्जनों मतदाता दबाव बनाने के लिए जोड़ रखे हैं।
हद तो तब हो गई जब सराय का पता लिखकर दर्जनों लोगों के वोट बना रखे हैं जब कि वह स्थाई आवास नहीं। ऐसे में कुछ रसूखदार मतदान को प्रभावित कर चुनावी नतीजे अपनों के पक्ष में करने के लिए ऐसी गोटियां फिट करते रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि इस बार की लिस्ट को आधार बनाकर ही करीब 150 मतदाताओं को बाहर करने के लिए एसडीएम, डीसी और चुनाव आयोग की शिकायत दी गई।
संस्था ने सवाल उठाए है कि नगर परिषद रामपुर के लगभग सभी वार्डों में फर्जी वोटर सैकड़ों की संख्या में जोड़े जा रहे हैं मौजूदा कानून के हिसाब से उन पर कार्रवाई होना असंभव है जिससे चुनावों की पारदर्शिता संभव नहीं है ? वोटरों की व उनकी रिहाइश की वेरिफिकेशन के दौरान वीडियोग्राफी करवाई जानी चाहिए क्योकि आधार कार्ड में जब चाहे तब पता बदल जा सकता है, इसे स्थाई पहचान पत्र कैसे माना जाए। खंडहर, सराय और दूकानों के पते पर तो फर्जी वोट ही बनाए जाएंगे जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित किया जा सकता है ऐसे में यदि प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई न कि गई तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
चुनाव कानूनगो ज्योति लाल ने बताया कि इस बार करीब 470 नए मतदाताओं के आवेदन आएं हैं जिनकी वेरिफिकेशन की जाएगी। वहीं एआरओ आज सभी ऑब्जेक्शन पर सुनवाई करेंगे।
वहीं सचिव राज्य निर्वाचन सुरजीत सिंह ने बताया कि जहाँ कहीं भी संदिग्ध वोटर हैं उनकी शिकायत सम्बंधित बीएलओ और एसडीएम से की जाती है। यदि वहाँ से संतुष्ट न हो तो अपील का अधिकार है। उन्होंने कहा कि समाज की खुद जागरूक होना होगा ताकि फर्जी वोटर बने ही न।