एप्पल न्यूज़, रामपुर बुशहर
नगर परिषद रामपुर बुशहर में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के बाद जागरूक लोगों द्वारा लाई गई करीब 350 आपत्तियों का निपटारा करते हुए प्रशासन ने करीब 113 मतदाताओं को लिस्ट से डिलीट कर दिया है। शहर में अब तक 84 मतदाताओं के नाम काट दिए गए जबकि 29 मृतक लोगों के नाम भी मतदाता सूची में बने हुए थे। वही करीब दो दर्जन ऐसे लोग भी थे जो नोटिस के बाद भी एआरओ ऑफिस ही नहीं आये क्योंकि उनके पास दिखाने को साक्ष्य ही नहीं था तो बेहतर समझा कि जाएं ही न। ऐसे में उन पर प्रशासन ने अभी तक कोई निर्णय ही नहीं लिया है। उम्मीद की जा रही है कि आज प्रशासन मतदाता सूची को सार्वजनिक कर दें।
जानकारी के मुताबिक सर्वाधिक आपत्तियाँ वार्ड नम्बर 3 से आई थी इसमें भी सबसे ज्यादा गड़बड़झाला पुराने हॉट स्पॉट वार्ड नम्बर 4 में ही था। जहां से 185 आपत्तियां आई थी। ये वही वार्ड है जहां से अब तक सबसे ज्यादा प्रधान और अध्यक्ष नगर परिषद रामपुर को मिले हैं।
इनमें रघुनन्दन सूद, राजेन्द्र कश्मीरी, पवन आनंद, दीपक सूद आदि शामिल हैं जिनमें कई तो दो दो तीन तीन बार भी अध्यक्ष या प्रधान रहे। हाल ही में दीपक सूद इस वार्ड के पार्षद थे जो लगातार दो बार अध्यक्ष रहे तो इस बार उपाध्यक्ष थे लेकिन कब्जाधारियों में शामिल होने की शिकायत के बाद पद मुक्त किए गए थे लेकिन स्टे ले लिया था। इसके बाद वर्तमान अध्यक्ष सुमन घाघटा भले ही उपचुनाव में वार्ड नम्बर 3 से जीती लेकिन डिलिमिटेशन के बाद अब वह भी वार्ड नम्बर 3 व 4 वार्ड के मर्ज होने के बाद इसी वार्ड नम्बर 3 में ही आ गई हैं। जिनके अलावा प्यारे लाल गुप्ता, जिया लाल और मीना कुमारी ही ऐसे अध्यक्ष प्रधान रहे हैं जो वार्ड नम्बर 4 से बाहर के थे। अब इस बार भी यही वार्ड लाइम लाइट में है।
अब बड़ा सवाल ये कि आखिर पूर्व के वार्ड नम्बर 4 में ही वोटर लिस्ट में ऐसा गड़बड़झाला क्यों, कहीं लोकतंत्र के पर्व में अपनों को लाभ देने के लिए आहुत्तियाँ तो नहीं डाली जा रही थी। सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर लोग अब इस वार्ड के निवासी नहीं है फिर भी इसी वार्ड के मतदाता बनने के लिए प्रशासन पर हरसम्भव दबाव बना रहे हैं। आपने आकाओं के मार्फ़त पूरी कोशिश की कि उनका नाम इसी वार्ड में रहे जबकि कई लोग सालों पूर्व दूसरे वार्ड में शिफ्ट हो चुके हैं। कई लोगों ने तो अपने मकान ही शहर से बाहर या दूसरे वार्डों में बना रखें हैं। फिर भी मतदान यहीं करना है, जो अपने आप मे एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। बताया जा रहा है कि यदि वोटर लिस्ट की घर घर जाकर नियमानुसार छंटनी की जाए तो अभी भी करीब 100 से ज्यादा मतदाता वार्ड से बाहर हो जाएंगे। कई मतदाता तो इस वार्ड में केवल व्यवसाय कर रहे हैं फिर भी उन्हें इसी वार्ड का मतदाता बनना है वहां का नहीं जहां उनका अपना घर आवास बन चुका है।
आपत्तियां जताने वाले तन्मय शर्मा ने बताया कि कई लोगों ने उन्हें बताया कि फलां व्यक्ति वार्ड में नहीं रहता लेकिन चुनाव के समय वही लोग व्यक्ति विशेष के लिए कार्य करता है और पूरी कोशिश कर चुनाव को प्रभावित करते हैं। ऐसे में मिली जानकारी से करीब 152 आपत्तियां डिलिशन के लिए दी थी इनमें से 17 आवेदन रिजेक्ट हो गए थे क्योंकि उन्होंने अपने निवास के साक्ष्य दिए। जबकि 135 लोगों के नाम रिजेक्शन के लिए स्वीकार हुए थे। सर्वाधिक आपत्तियां वार्ड नम्बर 3 से 149 दी गई थी। जिनमें से करीब 2 दर्जन लोग आए ही नहीं। जिन पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। प्रशासन द्वारा मंगलवार को सूची सार्वजनिक की जानी थी लेकिन अब तक नहीं हुई। तन्मय शर्मा ने सहयोग के लिए प्रशासन का आभार जताया और उम्मीद जताई कि भविष्य में नई सूची इसी अनुसार बनाई जाए कि जो व्यक्ति जहां रहता है वहीं का मतदाता बने।
वहीं असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर तहसीलदार कुलताज सिंह ने बताया कि शनिवार और सोमवार को दो दिन स्क्रूटनी की गई थी जिनमें 84 लोगों के नाम काटे गये हैं साथ ही 29 मृतक लोगों के नाम भी काटे हैं। कई लोगों के नाम दूसरे वार्ड को शिफ्ट किए गए हैं। जल्द सूची सार्वजनिक की जाएगी, अब अपील के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। जिसके बाद अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा।