एप्पल न्यूज़, शिमला
सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच चला गतिरोध थमने का नाम नही ले रहा है। सत्र के पांचवे दिन भी आज निलंबित विधायकों सहित पूरा विपक्ष विधानसभा के बाहर धरने पर बैठा जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी शामिल हुए और सरकार को गतिरोध तोड़ने की पहल करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने वीरभद्र सिंह के बयान पर कहा कि वीरभद्र सिंह वरिष्ठ नेता है। हम उनका सम्मान करते है। इस सारे प्रकरण में हमारी कोई गलती नही है। विपक्ष से गलती हुई है उसे स्वीकार करना चाहिए ओर राज्यपाल से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने मर्यादाओं का उलंघन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वो दौर देखा है जब हमें यहां से उठाकर जंगल मे फैंक दिया गया था। राज्यपाल ने अपना अभिभाषण खत्म भी नही किया था इससे पहले ही अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा कह दिया। जिससे उनकी मनसा जाहिर हो गई थी। उन्होंने कहा कि अगर नियमो में प्रावधान है तो मामले की फुटेज सदन में दिखाई जाए। जिसमे दूध का दूध पानी का पानी हो सके। विपक्ष सदन में होता तो अच्छा होता सुझाव आते लेकिन उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।