एप्पल न्यूज़, बिलासपुर
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुई सुरहाड़ की सूचना मांगने पर एक अति गरीब परिवार कुलदीप कुमार सुपुत्र स्वर्गीय कदारू राम गांव बाड़नू को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है। क्या सूचना मांगने पर बीपीएल सूची से हटाने का कोई कानून है। प्रार्थी कुलदीप कुमार के पास ना कोई गाड़ी है ना कोई नौकरी और ना कोई फ्रिज ना कोई टीवी है और ना ही कोई सिंचाई योग्य भूमि है।
प्रार्थी कुलदीप कुमार की पत्नी किडनी रोग से ग्रसित थी जिसका 5-6 वर्ष इलाज कराने के उपरांत 2016 में उसकी मृत्यु हो गई थी कुलदीप कुमार के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जो अभी स्कूल में पढ़ते हैं जिससे कुलदीप कुमार के परिवार की आर्थिक स्थिति और दयनीय हो गई। यह सारा मामला बाड़नू-दिगथली पंचायत के द्वारा किया गया है।
प्रार्थी कुलदीप कुमार के द्वारा पंचायत सुई सुरहाड़ की सूचना 08-03 2021 को मांगी गई थी और उसके उपरांत उसको 15-20 दिन बाद बीपीएल सूची से काट दिया गया जबकि प्रार्थी को आज तक भी सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई है जबकि 45 दिन हो चुके हैं।
सूचना मांगे हुए कुलदीप कुमार को बीपीएल से काटने पर संबंधित वार्ड सदस्य रूपलाल, नेहरू युवक मंडल बाड़नू के प्रधान राकेश ठाकुर, प्रकाश चंद, जगतपाल, प्रेमलाल, बृजलाल, बाबूराम, विनोद कुमार, सुधीर ठाकुर, सुखराम, हरीमन, नवीन ठाकुर, कमलेश ठाकुर, संजीव कुमार, अशोक कुमार, परमानंद, इत्यादि ने कड़ा विरोध प्रकट किया है।