एप्पल न्यूज़, शिमला
कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार के विधायको को झंडी देने के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी। विधायको की मांग पर सर्वदलीय बैठक में निर्णय के बाद सरकार ने इस निर्णय को स्वीकार कर लिया है और अब इस पर बेबजह तूल नही दिया जाना चाहिए।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि विधायकों को इस प्रकार से टारगेट करना उचित नही है। उन्होंने साफ किया कि वह वीआईपी कल्चर के खिलाफ है और इसके लिये सभी को एक समान नियम होने चाहिए, चाहे वह चीफ सेक्रेटरी हो, पुलिस अधिकारी हो,या कोई भी न्यायिक अधिकारी हो।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि झंडी केवल सिटिंग विधायक को ही प्रस्तावित है।इसमें उन्हें कही भी आने जाने में ट्राफिक में सुविधा होगी।उन्होंने कहा कि झंडी का मतलब वीआईपी कल्चर नही है बल्कि यह विधानसभा के सदस्य के तौर पर लोकतंत्र के स्तम्ब का एक प्रतीक होगा।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से विधायक अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत अंश कोरोना राहत कोष में दान दे रहें है।उन्होंने कहा कि विधायकों को अपने सामाजिक दायित्व को भी समय समय पर पूरा करना होता है,ऐसे में उन्हें विधानसभा द्वारा दी जा रही सुविधाओं या सरकार द्वारा दिये जा रहें किसी भी प्रोत्साहन को बेबजह तूल देना उचित नही है और न ही इस पर कोई राजनीतिक की जानी चाहिए।