एप्पल न्यूज़, शिमला
बाहरा विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे अफगानिस्तान के छात्रों की विश्वविद्यालय हर संभव सहायता करेगा। बाहरा विश्वविद्यालय में इस बार 30 नए छात्रों ने ऑनलाईन प्रवेश लिया है हालांकि अफगानिस्तान की परिस्थितियों के चलते छात्र संस्थान नहीं पहुंच सके है। अफगानिस्तान छात्रों को बाहरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बीएस नागेंद्र पराशर ने आश्वस्त किया है कि वे छात्रों का हर संभव सहयोग करेंगे और उनकी सहायता करेंगे।
शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो बीएस नागेंद्र पराशर ने बताया कि कोविड के कारण जो छात्र अपने माता-पिता को खो चुके उनके लिए विशेष छात्रवृत्ति शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि जिन छात्रों के माता अथवा पिता की मृत्यु कोविड के कारण हुई है उन छात्रों को विश्वविद्यालय सिंगल छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। वहीं जिन छात्रों ने कोविड के कारण अपने माता पिता दोनो को खोया है उन्हें सौ फीसदी छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
कुलपति ने कहा कि बाहरा विश्वविद्यालय छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के साथ साथ स्वरोजगार के लिए तैयार करने के लिए कार्य कर रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय फाईनल के छात्रों के लिए इंटरनशिप कार्यक्रम शुरू किया है ताकि छात्रों को उद्योग क्षेत्र में व्यवहारिक ज्ञान भी मिले।
इसके अलावा स्वरोजगार शुरू करके दूसरों को भी रोजगार प्रदान करे। प्रो पराशर ने कहा कि बहारा विश्वविद्यालय में शोध कार्य और विदेशों में जाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए भी संस्थान में मौका दिया जा रहा है।
उन्होंने राज्य के ग्रामीण समुदाय को ध्यान में रखते हुए अगले शैक्षणिक सत्र से विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी जोर दिया। रेशम उत्पादन, बागवानी, कृषि, मछली पालन आदि जैसे पाठ्यक्रम पेश किए जाएंगे जो सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि से राज्य को सीधे लाभ पहुंचा सकते हैं।
कुलपति ने बताया कि कोविड के कारण बहारा विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रवेश कम हुआ है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में लगभग 1500 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होने बताया कि कोविड के कारण प्रदेश सरकार के आदेशों के तहत अभी छात्रों की ऑनलाईन पढाई हो रही है। स्थिति समान्य होने पर विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं शुरू होगी।
डॉ. पराशर को देश के विशिष्ट संस्थानों जैसे बिट्स पिलानी, केएल यूनिवर्सिटी, प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी बैंगलोर, जीएमआर फाउंडेशन में विभिन्न स्तरों पर काम करने का 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
डॉ. पराशर ने उद्योग अकादमिक जुड़ाव पर जोर दिया और छात्रों को कैसे लाभान्वित किया जा सकता है, इस बारे में बात की।
उन्होंने यह भी कहा कि एक कर्मचारी होने के लिए यह हमारी अंतर्निहित शिक्षा है लेकिन वर्तमान युग को देश भर में बेरोजगारी को मिटाने के लिए कर्मचारियों की तुलना में नियोक्ताओं की आवश्यकता है।
डॉ. पाराशर ने विश्वविद्यालय द्वारा अपनाए गए सीडीआईओ मॉडल को भी साझा किया जिसके द्वारा छात्र अपने उद्यमिता कौशल को विकसित कर सकते हैं और एक उद्यमी बनने के करीब पहुंच सकते हैं।
अनुराग अवस्थी निदेशक एडमिशन एंड मार्केटिंग बाहरा विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने पहले ही दुनिया भर में वर्तमान कोविड परिदृश्य और वित्तीय मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति की घोषणा की है।
पीआरओ बहरा विश्वविद्यालय गौरव बाली ने कहा कि ग्रुप चेयरमैन गुरविंदर सिंह बहरा और माननीय वीसी विश्वविद्यालय के उचित मार्गदर्शन में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने जा रहा है और भारत में शीर्ष 100 विश्वविद्यालय बनाने का लक्ष्य रखा है।