एप्पल न्यूज, प्रयागराज/शिमला
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान मंगलवार देर रात लगभग 1:30 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें भीषण भगदड़ मचने से कम से कम 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ जब भारी भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स टूट गए, जिससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई।
रिपोर्टों के अनुसार, भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड्स टूट गए, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश के 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
कैसे हुई भगदड़?
प्रत्यक्षदर्शियों और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, महाकुंभ के महत्वपूर्ण स्नान दिवस पर भारी संख्या में श्रद्धालु संगम क्षेत्र में एकत्रित हुए थे। रात होते-होते भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि सुरक्षा बैरिकेड्स लोगों के धक्कों को सहन नहीं कर सके और अचानक गिर गए। इसके चलते श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग गिर गए और उनके ऊपर सैकड़ों लोग चढ़ गए।
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हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावित वे श्रद्धालु हुए जो कमजोर या बुजुर्ग थे, क्योंकि वे तेज भीड़ के दबाव को झेल नहीं पाए। स्थानीय प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन स्थिति इतनी भयावह थी कि कुछ ही मिनटों में कई लोगों की जान चली गई।
सरकारी प्रतिक्रिया और राहत कार्य
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को बेहद दुखद बताया और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और घटना के कारणों का पता लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। घायलों को भी सरकार की ओर से हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया जाएगा, जो समय सीमा के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा शोक जताया और कहा कि वे पीड़ित परिवारों के दुख में सहभागी हैं। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
इस घटना के बाद, प्रशासन ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा के और कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
- नो-व्हीकल जोन: अब मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार के वाहन के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- वीवीआईपी पास रद्द: सभी विशेष पास को निरस्त कर दिया गया है ताकि आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- एकतरफा मार्ग: अब रास्तों को वन-वे कर दिया गया है ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे।
- अतिरिक्त पुलिस बल: सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
प्रयागराज महाकुंभ में हुई यह घटना पूरे देश के लिए दुखद है। लाखों श्रद्धालुओं के लिए यह मेला एक आस्था और विश्वास का प्रतीक है, लेकिन सुरक्षा में हुई चूक इस तरह के हादसों को जन्म दे सकती है। सरकार और प्रशासन को अब और सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।