एप्पल न्यूज़, शिमला
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला भाजपा और आर एस एस के इशारे पर धांधलिया कर रही है। जिसके खिलाफ आज उपायुक्त कार्यालय शिमला के बहार प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि भाजपा और आर एस एस ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को धांधलियों का अड्डा बना दिया है।
जिस तरह सिकंदर कुमार (कुलपति ), पी० एल ० शर्मा (निदेशक ) , अरविन्द भट्ट (डीन प्लानिंग ) ने अपने बच्चों के लिए विश्विद्यालय अनुदान आयोग के नियमों को ताक पर रख कर अपने बच्चों की पीएचडी में दाखिला किया है।
यह बहुत बड़ा भ्र्ष्टाचार है इस का पुरजोर विरोध करती है। तीनों एडमिशन यूजीसी के नियमो के खिलाफ है इसलिए इन एडमिशन को तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए।
सीपीआईएम नेता संजय चौहान ने कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक बात विश्वविद्यालय के लिए नहीं हो सकती जहां एक ओर आम गरीब किसान मजदूरों के बच्चे दिन रात एक करके पीएचडी में दाखिला लेने के लिए मेहनत कर रहा है उनको बिल्कुल दरकिनार करते हुए सिर्फ अपने चहेतों को दाखिला दे दिया।
उसमे भी कोई विज्ञापन इन सीटों को लेकर जारी नहीं किया गया और ये कोई पहली बारी नहीं है जब ऐसी धांधलिया PhD के अंदर हुई है। दीन दयाल उपाध्याय पीठ के अंदर भी सिर्फ एक विशेष विचारधारा के लोगों को भर्ती किया गया जिसमें कोई भी advertisement नहीं निकाली।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार विश्वविद्यालय प्रशासन भारी विरोध के बाद एक बचकाना स्पष्टीकरण जारी किया और जिस में कहा कि इससे विश्वविद्यालय के निम्न वर्ग के कर्मचारियों के बच्चों को उच्च शिक्षा हासिल करने में सहायता मिलेगी।
सीपीआईएम ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की रैंकिंग के अंदर गिरावट के लिए भी ऐसे ही भ्रष्ट अधिकारी और उनके कारनामे जिम्मेवार हैं ।