एप्पल न्यूज़, शिमला
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों से प्रतिवर्ष MBBS का प्रशिक्षण करने के उपरांत डॉक्टरों को कैंपस प्लेसमेंट देकर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाता था,परंतु 21-22 में कोविड की वजह से सत्र पांच महीने देरी से सम्पन्न हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने अच्छे अंको से परीक्षा पास कर हिमाचल प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों से डॉक्टरी का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले आम और गरीब परिवार के प्रशिक्षुओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है।
बाहरी देशों और प्रदेशो से सम्पन्न परिवार से सम्बंध रखने वाले डॉक्टरों की भर्ती करवाने के उद्देश्य से वाक इन इंटरव्यू द्वारा स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भर्ती करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि 6 मई 2022 को सरकारी महाविद्यालय जैसे इन्दिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला,टांडा,नाहन,मंडी,चंबा आदि से सैंकड़ो की संख्या में छात्र डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करने जा रहे है।
इससे पहले ही हिमाचल सरकार ने 7-4-2022 की कैबिनेट बैठक में कैंपस प्लेसमेंट को दरकिनार करते हुए सरकारी प्रशिक्षु डॉक्टरों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए वाक इन इंटरव्यू के जरिये भर्ती का प्रस्ताव पारित किया है।
इसका हिमाचल युवा कांग्रेस विरोध करती है और सरकार से ये मांग करती है कि सरकार पुनः पुरानी व्यवस्था को स्थापित करके सरकारी संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने वालो डॉक्टरों की नियुक्ति करे।
ये वही डॉक्टर है जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किए बगैर कोविड काल में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं आम जनता को दी थी।