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शिक्षा विभाग ने फिर से दी अपने चहेतों को नौकरियां, बैच वाइज भर्ती में कर दी भर्ती नियमों से छेड़ छाड़, अब कुलदीप कुमार भूख हड़ताल करने को मजबूर

एप्पल न्यूज़, शिमला

शिक्षा विभाग में 18 फरवरी 2021 को बैच वाइज भर्ती हुई जिसमें सीरियल नंबर ,06,23,284656,57,61,79 को EWS BPL APPOINTED AGAINST GN मैं भर्ती किया गया। भर्ती नियम के अनुसार इन कैंडिडेट्स को इंटरलॉकिंग रिजर्वेशन नियम के तहत भर्ती किया गया। लेकिन इसी अपॉइंटमेंट ऑर्डर में ये नियम ओ बी सी आईआरडीपी मै लागू नही किया गया।

obc irdp mai सिरियल नंबर 203,204,205,206 की अपॉइंटमेंट obc ur मै होनी थी जैसे जर्नल कैटेगरी मै हुई लेकिन विभाग ने यहां भर्ती नियम लागू नही किया गया।समानता का अधिकार छीना गया। एक ही ऑर्डर मै विभाग ने दो दो अलग अलग भर्ती नियम अपना कर साबित कर दिया की विभाग सिर्फ अपने चहेतों को लाभ देना चाहता था।

कुलदीप कुमार का कहना है की उसने विभाग को अगस्त 9 ,2021को लिखित मैं एप्लीकेशन दी लेकिन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की, स्मरण रहे अप्रैल से अगस्त तक हिमाचल मै कोरोना रिस्ट्रिक्शन थी। डायरेक्टर एलेमंट्री से व्यक्तिगत भी कुलदीप कुमार मिला ,साहिब जी ने कहा था की वे इस मैटर की जांच करेंगे,लेकिन अब तो एक वर्ष बीत गया। कोई सुनवाई नहीं हुई।

कुलदीप कुमार ने सरकार को ,विभाग को मीडिया के द्वारा समस्त को जानकारी भेजी है की अब वो 2जून2022 से शिक्षा निदेशालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ जाएगा।या तो शिक्षा विभाग अपनी गलती ठीक करे।भर्ती नियम सबके ऊपर समान रूप से लागू करे।

क्या होती है इंटरलॉकिंग रिजर्वेशन:Horizontal reservations cut across the vertical reservations what is called interlocking reservations. To be more precise, suppose 3% of the vacancies are reserved in favour of physically handicapped persons; this would be a reservation relatable to Clause (1) of Article 16. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार इंटरलॉकिंग आरक्षण को विभाजित किया जाना चाहिए, तभी पिछड़े वर्गों को उचित रूप से सेवाएं आवंटित की जा सकती हैं। नहीं तो पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को न्याय नहीं मिलेगा।
शिक्षा विभाग सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भी नहीं मान रहा ।
क्या है ये नियम अधिक जाने:
क्षैतिज आरक्षण लंबवत आरक्षण में कटौती – जिसे इंटरलॉकिंग आरक्षण कहा जाता है। क्षैतिज आरक्षण श्रेणियों को आवंटित आरक्षण का प्रतिशत एससी / एसटी / ओबीसी के प्रतिशत और लंबवत आरक्षण में सामान्य श्रेणियों के खिलाफ समायोजित किया जाना चाहिए।
सभी आरक्षण एक ही प्रकृति के नहीं हैं। दो प्रकार के आरक्षण हैं, जो सुविधा के लिए, लंबवत आरक्षण और क्षैतिज आरक्षण के रूप में संदर्भित किए जा सकते हैं। अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के पक्ष में आरक्षण [अनुच्छेद 16 (4) के तहत] लंबवत आरक्षण कहा जा सकता है जबकि शारीरिक रूप से विकलांग (अनुच्छेद 16 के खंड (1) के तहत आरक्षण] को संदर्भित किया जा सकता है क्षैतिज आरक्षण।

क्षैतिज आरक्षण लंबवत आरक्षण में कटौती – जिसे इंटरलॉकिंग आरक्षण कहा जाता है। अधिक सटीक होने के लिए, मान लीजिए कि रिक्तियों का 3% शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के पक्ष में आरक्षित है यह अनुच्छेद के खंड (1) से संबंधित आरक्षण होगा 16. कोटा के खिलाफ चुने गए व्यक्तियों को आवश्यक समायोजन करके उस कोटा में रखा जाएगा ।

इसी प्रकार, यदि वह खुली प्रतिस्पर्धा (ओसी) श्रेणी से संबंधित है, तो उसे आवश्यक समायोजन करके उस श्रेणी में रखा जाएगा। इन क्षैतिज प्रदान करने के बाद भी आरक्षण, नागरिकों के पिछड़े वर्ग के पक्ष में आरक्षण का प्रतिशत बनी हुई है।
कुलदीप कुमार मीडिया के द्वारा सरकार को भूख हड़ताल की सूचना प्रदान कर्ता है।

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