एप्पल न्यूज़, शिमला
कांग्रेस विधायक और महासचिव विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक वीर भूमि है। करीबन हर दूसरे घर से जवान देश की सेवा में जुटा है। केंद्र सरकार की ये अग्निपथ योजना प्रदेश के युवाओं के साथ भद्दा मजाक है।
4 साल का रोजगार देने की बात गलत है।
युवा रोजगार नहीं देशभक्ति की भावना से देश सेवा के जज्बे से साथ भर्ती होने जाता है। इसे रोजगार के पैमाने पर खड़ा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। 25-26 हजार देकर युवाओं के साथ मज़ाक होगा।
जवानी के 4 महत्वपूर्ण साथ देकर उनका भविष्य अंधकार में जायेगा। 25% को नियमित करेंगे बाकी क्या करेंगे। पहले से प्रावधान के बावजूद पूर्व सैनिकों को रोजगार नहीं मिल पाता। ट्रेनिंग करवाकर खुला छोड़ना देश विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने वाला हो सकता है। जो चिंतनीय है। इसे संवेदनशीलता से देखने की जरूरत है।
प्रदेश के युवा विरोध कर रहे है और उनका समर्थन करते है। सरकार से आग्रह है कि जो गिरफ्तार हैं उन्हें तुरन्त छोड़ा जाए और मामले वापस लें। कल हर जिले में कांग्रेस विरोध करेगी।
उन्होंने कहा कि 2 साल से सेना में भर्ती बन्द थी कोविड के नाम पर, और अब ऐसी योजना असहनीय है। दूसरे देशों का कट कॉपी पेस्ट करना सही है। इजरायल और चीन की नकल न करें। ध्यान रखें और युवाओं के साथ राजनीति न करें।
वीरभूमि के जवानों ने अपनी जान और शहादत दी है। लेकिन अब युवाओं से इस तरह की असंवेदनशीलता असहनीय है।
विक्रमादित्य सिंह ने पुलिस भर्ती घोटाले में श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। 75 हजार से ज्यादा युवाओं के साथ धोखा किया गया। इसमें कई राजनेता और आला अधिकारी संलिप्त है। छोटे लोगों को पकड़कर इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस चार्जशीट में इस मामले को पहले स्थान पर रख जाएगा। न्याय मिलने तक कांग्रेस लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला में जिस तरह जलसंकट चल रहा है। उस मामले में सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आ रहा है। सरकार के चहेतों होटलियरों को बदस्तूर पानी दिया जा रहा है।
सेब सीजन में मंत्री दिखे नहीं। और इस बार जलसंकट में भी मंत्री का कोई अता पता नहीं है। जलशक्ति विभाग का पु4ई तरह फैल हो गया है।
प्रधानमंत्री की सारी रैलियां सरकारी खर्च पर की जा रही है। जनता के पैसों की बर्बादी की जा रही है। मुख्य सचिवों की बैठक के नाम पर कॉडर मोबिलाइज किया जा रहा है। क्योंकि कांगड़ा में सरकार के खिलाफ जन आक्रोश है। विकास कार्य नजरअंदाज किए जा रहे हैं। ये दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह के बयान को विक्रमादित्य सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि वह राजनेता बाद में है और सेना के अधिकारी पहले, उनसे प्रदेश के युवाओं को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।