एप्पल न्यूज़, शिमला
चम्याणा वार्ड जिला परिषद सदस्य लता वर्मा ने हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया है उन्होंने कहा कि उनकी विभाग में विलय की मांग जायज है। जिला परिषद सदस्य ने कहा कि ये कर्मचारी विभाग की रीड की हड्डी है और उनके बिना केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाएं धरातल पर चलाना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने ने कहा कि कहने को तो ये जिला परिषद के कर्मचारी है मगर इनका वेतन सरकार द्वारा ग्रांट से दिया जाता है. इनके सेवा संबंधित नियम व नीति भी सरकार द्वारा बनायी गयी है। उन्होंने ने कहा कि इन कर्मचारियों के तबादले भी सरकार की सिफारिश के आधार पर ही होते हैं।
लता वर्मा ने कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष और कोई भी सदस्य इस बारे कोई निर्णय नहीं ले पाता है। और न ही अधिकार दिये है उन्होंने कहा कि जैसे प्रदेश के दूसरे निगमों व् बोड़ों के अध्यक्षों को होते है। फिर हमारे कर्मचारी कहा से हुए।

लता वर्मा ने कहा कि इतना ही नहीं आज तक कभी भी जिला परिषद ने इनकी भर्ती के लिए सरकार से कभी मांग की है। उन्होंने कहा कि और न इस बारे कोई प्रस्ताव पारित किया है।
लता वर्मा ने कहा कि सरकार ने इनको स्वयं नियुक्ति करके एक नाम दिया है जिला परिषद कैडर के कर्मचारी है।
उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार कह रही है कि वो हड़ताल वापिस ले नहीं तो नियमानुसार कार्यवाही होगी। जब सरकार इनको सरकारी कर्मचारी ही नहीं मानती है तो फिर किस सरकारी नियम के अनुसार कार्यवाही की बात करती है।
लता वर्मा ने कहा कि केवल इनकी मांग का समर्थन करती हूँ बल्कि प्रस्ताव पारित करती हैं कि जितने भी जिला परिषद के कर्मचारी/अधिकारी हड़ताल पर बैठे है। बिना सदन की अनुमति से उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही अमल में न लाई जाएं नहीं तो इसे सदन का अपमान समझा जायेगा।