शहरी निकाय व स्थानीय पंचायतें गौ-सदनों में करें पशुओं की व्यवस्था
एप्पल न्यूज़, कुल्लू
मनाली से भुंतर के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेसहारा जानवरों की मौजूदगी को लेकर उपायुक्त आशुतोष गर्ग काफी नाराज दिखे। गौर तलब है कि वर्तमान में लगभग 750 बेसहारा जानवर सड़कों पर विचरण कर रहे हैं।
उन्होंने गौसदनों के संचालन व व्यवस्था को लेकर आयोजित बैठक में साफ तौर पर कहा कि नगर परिषद और स्थानीय ग्राम पंचायतें इन बेसहारा जानवरों को शीघ्र गौ सदनों में आश्रय दें।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने पशु को बेसहारा छोड़ता पाया गया तो सख्त कारवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बेसहारा पशुओं के कारण वाहन दुर्घटनाओं की हर समय आंशका बनी रहती है और बिना कारण इन बेजुबान जानवरांे को काल का ग्रास बनना पड़ता है अथवा घायल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं को इस प्रकार बे सहारा छोड़ देना पाप भी है।
उप निदेशक पशु पालन डॉ. विशाल शर्मा ने बैठक में उपायुक्त को अवगत करवाया कि जिला में कुल 11 गौ सदन हैं जिनमें 1544 पशुओं के रखने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में इनमें लगभग 220 पशु हैं और गौ सदन संचालकों ने गर्मियों व बरसात के दौरान बहुत से मवेशियों को चरागाहों में छोड़ा है जिन्हें बर्फ अथवा ठण्ड पड़ने से पूर्व पुनः गौ सदनों में लाया जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि रांगड़ी गौ सदन की क्षमता 300 की है और इसका संचालन स्थानीय नगर निकाय कर रही है। गौ सदन कटाराईं की क्षमता 450 पशुओं को आश्रय प्रदान करने की है। शिरढ़ की क्षमता 210, बंदरोल की 200, बाशिंग की 60, लंका बेकर कुललू की 160, वैष्णो माता गौसदन की 50, सैंज दामन की 35, शिंगड निरमण्ड की 50 तथा देवरी आनी की क्षमता 50 गायों को रखने की है।
उपायुक्त ने कहा कि सड़कों पर बेसहारा जानवरों को नजदीकी गौसदनों तक पहुंचाया जाना चाहिए।
आशुतोष गर्ग ने कहा कि मनाली के बाहंग में 1.76 करोड़ की लागत से लगभग 36 बीघा भूमि में गौसदन व चरागाह बनाया जा रहा है। इसके लिये सरकार ने एक करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है।
उन्होंने इस भूमि की डिमारकेशन के लिये तहसीलदार को कहा। उन्होंने इस भूमि पर बिजली की लाईनों को भी स्थानांतरित करने का मामला विद्युत बोर्ड के साथ उठाने के लिये संबंधित विभाग को निर्देश दिये।
उन्होंने बंजार के गौसदन को भी कार्यशील बनाने को कहा। उपायुक्त ने कहा कि गौसदन के लिये धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी वशर्तें कि वनभूमि का एफसीए इत्यादि क्लीयर हो।
उन्होंने स्थानीय ग्राम पंचायतों से भी अपनी पंचायतों में गौसदनों का निर्माण करवाने को कहा। उन्होंने कहा कि लोग इस पुनीत कार्य के लिये भूमि दान करने के लिये आगे आएं।
बैठक में एसडीएम विकास शुक्ला, तहसीलदार मित्रदेव, पशुपालन विभाग के अधिकारी, गौ सदनों के नोडल अधिकारी व विभिन्न पंचायतों के प्रधान उपस्थित थे।