एप्पल न्यूज़, संजीव कुमार मंडी
सीजन की पहली बर्फबारी ने जिला की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी, कमरुनाग और शैटाधार धार्मिक स्थलों को सफेद कर दिया है।
करीब 3 माह बाद इन्द्र देवता के प्रसन्न होने से पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश से किसानों, बागवानों, पर्यटकों और सैलानियों समेत देव समाज के लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।
शिकारी देवी में 4 ईंच और कमरुनाग में 2 ईंच बर्फबारी दर्ज की गई है। प्रशासन ने कमरुनाग और शिकारी देवी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए है। निचले क्षेत्रों में बारिश नाममात्र होने से क्षेत्र के किसानों में अभी मायूसी छाई है।
सेब बगीचों के लिए इस समय बारिश और बर्फबारी की बेहद जरूरत है। हल्की बारिश और बर्फबारी के बाद किसान बागवान और अधिक बारिश बर्फबारी की उम्मीद लगाए बैठे है।
किसानों में दिनेश पहाड़ियां, परमा नन्द, टिक्कम भारद्वाज, उत्तम चंद, राजीव ठाकुर, मुरारी लाल, दीपक, यशवंत, चन्द्रमणि, नाग, यशु, तोम चंद, भीम सिंह और वेद प्रकाश व देवीदड़ के दोम प्रकाश ठाकुर ने बताया कि बारिश और बर्फबारी फसलों के लिए लाभदायक सिद्ध हुई है।
बागवानी विषय वाद विशेषज्ञ डॉ चिन्त राम ठाकुर ने बताया कि बर्फबारी और बारिश सेब पौधों के लिए रामबाण है। उधर लोनिवि, विद्युत और आईपीएच विभाग ने बर्फबारी से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है।
सभी महकमों के उच्चाधिकारियों ने कनिष्ठ अधिकारियों को बर्फबारी से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।